पीएम मोदी ने एक कदम बढ़ाकर संसद में अब जिम्मेदारी ली है कि वे मुस्लिम समुदाय में प्रचलित तीन तलाक को असंवैधानिकता को संवैधानिक बनाएंगे। संसद में अब इस पर उचित तरीके से कानून बनाया जाएगा जहां मोदी ने इस बाबत मुस्लिमों के साथ कमिटमेंट किया था। तीन तलाक कुगन व हदीस के खिलाफ है। इससे भेदभाव का शोषण भी दूर होगा। साथ ही महिलाओं के अधिकार भी बहाल होंगे। तीन तलाक से बराबरी की जंग अब आरंभ हो जाएगी। ये ऐसा प्रकरण रहा जहां सर्वसम्मति न्यायिक रुप से बनाई जानी थी। जगजीत सिंह व चित्रा सिंह की एक गजल थी कि बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी, वरना लोग पूछेंगे कि उदासी का शबब क्या है। अब मुस्लिम महिलाओं में इनके शोषण से मुक्ति मिलेगी और एक उदासी का शबब दूर होगा। वर्ष २०११ की जनगणना के अनुसार तलाकशुदा ऐसी महिलाओं की संख्या ५ लाख की थी। हरेक तलाकशुदा पुरुष की तुलना चार मुस्लिम महिलाएं इनके औसतन संख्या में आती हैं। वर्ष २०११ तक तलाकशुदा पुरुषों की संख्या सामान्यतया ७० फीसदी बढ़ी है। अधिकांश लोग इस मामले में सर्वोच्य न्यायालय के इस फैसले का चारों तरफ स्वागत भी कर रहे हैं। अब इस तीन तलाक का सहारा ना होगा और तलाक हो ना हो मगर जिक्र हमेशा होगा। इस प्रकरण में बहसें कई वर्षों से चल रही थी। बहसें फिजूल थीं यह, खुलाहाल देर में, अफसोस उम्र कट गई, बहसों लफजों के फेर में। कोशिश भी कर, उम्मीद भी रख, रास्ता भी चुन, फिर इसके बाद थोड़ा मुकद्दर तलाश कर। वर्तमान सरकार की खासियत है कि वो आजकल सारा शो मोदीजी के माध्यम से ही वनमैन उजागर करती है। टीम के अन्य सदस्यों में स्वतंत्र निर्णयन की मात्रा कम है। मोदी भी इसी में देखा जाये तो विद्धान भी है जहां वे समझदारी से निर्णयन करते हैं जो उनकी विद्धता की पहचान है। मोदी की आर्थिक नीतियों की कवायद से हाल ही निफ्टी ने भी उछाल मारी है जहां उसने रिटर्न दिया है २६.५ फीसदी का। ये प्रमुख बैंचमार्क सूचकांकों में सर्वाधिक है। विदेशी निवेशकों में उभरते बाजारों में ६० अरब डॉलर का निवेश किया है। साथ ही ४८६४० करोड़ रुपये के शेयरों की खरीददारी की है। म्युचुअल फंड में भी शुद्ध खरीददार बने, जहां इस वर्ष ५२,००० करोड़ रुपये से अधिक लिवाली भी देखी गई। आईटीसी १७ फीसदी व रिलायंस तथा एचडीएफसी में ४५ फीसदी शेयर बढ़े। प्रौद्योगिकी में जरुर कुछ गिरावट देखने को मिली।
मोदी ने रुपये को मजबूत बनाया है। महज छह माह में ये ६ फीसदी मजबूती आई। विदेशी पंूजी की आवक भी बढ़ी है। अब निर्यात में सुधार संभव होगा। कपड़ा व श्रम आधारित क्षेत्रों में प्रभाव आया है। साथ ही रोजगार क्षेत्र भी प्रभावित रहे हैं।
मोदी यहां भी करेंकशंस लाएंगे। कपड़ा क्षेत्र ५० अरब डॉलर का निर्यात करता है, जहां १७ अरब डॉलर की हिस्सेदारी तैयार कपड़ों की होती है। हालांकि यहां मार्जिन कम होता है। बांग्लादेश भी इस कारोबार में सेंध लगाता है। मोदी अब आंकलन कर इस क्षेत्र से शीथिलता हटाएंगे। यहां निर्यातकों की घरेलू लागत को भी कम करना पड़ेगा। कारोबारी सुगमता के भारी प्रयासों की जरुरत है। मोदी अब दिल्ली हवाई अड्डे की तस्वीर भी बदलना चाह रहे हैं जहां वे अब इस पर १६००० करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहे हैं। यहां हवाई अड्डे की टर्मिनल टी वन की क्षमता को दुगुना किया जायेगा। टर्मिनल टी थ्री की क्षमता में भी वृद्धि की जायेगी। मौजूदा रनवे के समानांतर एक नया रनवे बनाया जायेगा। टी-वन को दिल्ली मेट्रो से भी जोड़ा जायेगा। मोदी रेलवे की भी सुध ले रहे हैं। ट्रेनों में शौचालयों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
मोदी रेलवे टैक्सों को माल गाडिय़ों व अन्य ट्रेनों की आवाजाही पर गति बढ़ाने की कवायद इन्हें मजबूत बनाये जाने की जा रही है। क्योंकि यहां तेज गति से वाहन चलाना जोखिम भरा हो रहा है। रेलवे के ट्रेकों को अभी एक नए व स्वतंत्र सुरक्षा प्रधिकरण की जरुरत है। हर क्षेत्र के ट्रेकों को ठीक करने वास्ते कम से कम दो तीन घंटे खाली रखे जाने पर ही इन्हें ठीक किया जा सकता है। तभी ट्रैक मजबूत किये जाएंगे जहां लंबी दूरी के कम समय की लागत व्यवस्था भी देखी जानी है। ज्यादातर दुर्घनाएं रेलवे क्रॉसिंग पर ही होती है। ट्रेनों के बेपटरी होने से जोखिमें आती हैं। इसीलिये सुरक्षा व गति दोनों एक साथ हासिल करनी मुश्किल हो जाती है। रेलवे सुरक्षा आयोग को यहां विशेष ध्यान देना है।
बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी
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