Monday, April 21, 2025 |
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‘सबके लिए घर’ स्कीम पर काम तेज करने के लिए खास यूनिट बनाएगी सरकार

by admin@bremedies
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नई दिल्ली/एजेंसी। बीजेपी सरकार ने 2022 तक सबको घर मुहैया कराने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। केंद्र सरकार ने इस अभियान के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट बनाने और प्रफेशनल मदद लेने का फैसला किया है। हाउजिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री में जॉइंट सेक्रटरी, डायरेक्टर और डेप्युटी सेक्रेटरी के जरिए चल रहे इस मिशन को अब नए प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट के जरिये टेक्निकल, अडमिनिस्ट्रेटिव और मैनेजमेंट संबंधी सपोर्ट मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक, यह यूनिट राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी और उन्हें किफायती घर बनाने के मकसद से रणनीति तैयार करने में मदद करेगी। बीजेपी सरकार ने 1.8 करोड़ सस्ते घर बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तैयार किया था, जिसे घर-घर जाकर सर्वे करने के बाद घटाकर 1.2 करोड़ यूनिट तक कर दिया गया है। मंत्रालय देश में प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट तैयार करने के लिए प्राइवेट पार्टियों से बोली मंगाएगा। यह यूनिट इस स्कीम के अमल के लिए जरूरी मदद मुहैया कराएगी। इस मिशन की शुरुआत से ही प्रधानमंत्री का ऑफिस सभी के लिए घर से जुड़ी योजना की प्रगति पर करीबी नजर रख रहा है। यूनिट राज्य और शहर स्तर के तकनीकी सेल के साथ मिलकर काम करेगी। इसके तहत हर राज्य में मिशन डायरेक्टोरेट और मॉनिटरिंग व मंजूरी कमिटी के अलावा नोडल एजेंसी होगी।
हाउसिंग स्कीमों की निगरानी के लिए मिनिस्ट्री ने वेब आधारित इंटीग्रेटेड मॉनिटिरिंग ऐंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम डिवेलप किया है। रोजाना प्रगति और मंजूरी को देखने के लिए भी मॉनिटरिंग की जाएगी। फ्लैगशिप कार्यक्रम में थर्ड पार्टी क्वॉलिटी ऑडिट भी शामिल है। केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर थर्ड पार्टी क्वॉलिटी ऐंड मॉनिटरिंग एजेंसी ऑफिस और फील्ड के स्तर पर समीक्षा करेगी। प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट वेब आधारित एमआईएस के जरिये तिमाही आधार पर इन ऑडिट्स पर नजर रखकर अपनी भूमिका निभाएगी। यूनिट डेटा मैनेजमेंट में भी मदद करेगी, ताकि पांच साल का टारगेट हासिल करने की सही-सही रणनीति के बारे में मिनिस्ट्री को पता रहे। मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि यूनिट इस मिशन को अडवाइजरी और पॉलिसी स्तर का समर्थन मुहैया कराएगी। यह इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम, हुडको समेत सेंट्रल नोडल एजेंसी की मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में इस अभियान की प्रगति चिंता का विषय रही है, जहां अभी तक स्कीम रफ्तार नहीं पकड़ पाई।



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