नई दिल्ली। सरकार अपनी विनिवेश योजना के अंतर्गत सावर्जनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी में अपनी 10 फीसद हिस्सेदारी बेचकर 13,800 करोड़ रुपये जुटाएगी। इस दो दिवसीय ऑफर फॉर सेल (एएफएस) में 41.2 करोड़ शेयर (पांच फीसद हिस्सदारी) की पेशकश की जाएगी। इसमें पांच फीसद की अतिरिक्त हिस्सेदारी भी बेचने का विकल्प शामिल है। यदि यह ओएफएस फुली सब्सक्राइब हो जाता है तो सरकार की ओर से की गई तीसरी सबसे बड़ी विनिवेश डील होगी।
जानकारी के लिए बता दें कि अबतक सरकार की ओर से की गई सबसे बड़ी विनिवेश योजना वर्ष 2014-15 में कोल इंडिया में, जो 22,500 करोड़ रुपये की थी, हुई है। इसके बाद वर्ष 2010 में कंपनी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए 15200 करोड़ रुपये जुटाए थे।
केंद्र ने एनटीपीसी के ओएफएस (शेयर बिक्री) के लिए 168 रुपये प्रति शेयर तय किया है, जो कि सोमवार के बंद भाव से करीब तीन फीसद कम है। मौजूदा समय में सरकार की कंपनी में 69.7 फीसद हिस्सेदारी है। इस इश्यू के बाद सरकार की हिस्सेदारी घटकर 59.7 फीसद तक आ जाएगी। मार्केट कैप के मामले में एनटीपीस चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक उपक्रम है। इसका कुल मार्केट कैप 1.43 लाख करोड़ रुपये का है। पहले स्थान पर ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन, दूसरे पर भारतीय स्टेट बैंक और तीसरे पर कोल इंडिया है।
आपको बता दें कि सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश में भारतीय जीवन बीमा निगम कई बार मदद करती रही है लेकिन एनटीपीस के मामले में उसके पास निवेश का सीमित विकल्प होगा। इसकी वजह यह है कि एलआईसी के पास पहले से ही कंपनी की 11.7 फीसद हिस्सेदारी है। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के नियमों के अनुसार, कोई भी बीमा कंपनी किसी एक कंपनी में 15 फीसद से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं खरीद सकती है।
