डिजिटल पेमेंट्स से जुड़ी इंटर-मिनिस्ट्रियल कमिटी प्रस्ताव के ब्योरे पर चर्चा कर रही है
नई दिल्ली।- सभी सेवाओं के लिए जल्द ही केवल डिजिटल तरीके से भुगतान किया जा सकेगा। केंद्र सरकार इस दिशा में विचार कर रही है। सरकार सभी सरकारी विभागों और एजेंसियों के लिए यह अनिवार्य करने के तरीके खंगाल रही है कि वे अपने फिजिकल टच पॉइंट्स पर डिजिटल पेमेंट्स ही लें। यह बात वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताई है।
अधिकारियों ने बताया कि क्च॥ढ्ढरू और भारत क्यूआर कोड जैसे पेमेंट के सरकारी उपायों के साथ इन सरकारी एजेंसियों के ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के ज्यादा इंटीग्रेशन की योजना भी बनाई जा रही है। सरकार कैश के बजाए डिजिटल पेमेंट्स करने वाले लोगों को इंसेंटिव्स देने के बारे में भी सोच रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड आईटी मिनिस्ट्री को डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने का जिम्मा दिया गया है। पिछले हफ्ते मंत्रालय की एक समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अधिकारियों को 2 अक्टूबर से कैंपेन शुरू करने का निर्देश दिया था। डिजिटल पेमेंट्स से जुड़ी इंटर-मिनिस्ट्रियल कमिटी प्रस्ताव के ब्योरे पर चर्चा कर रही है।
टिकट काउंटर्स पर होगी डिजिटल पेमेंट
रेल बोर्ड के अधिकारी ने बताया, हमने अपने सभी टिकट और रिजर्वेशन काउंटर्स को डिजिटल पेमेंट लेने लायक बनाने का निर्णय किया है। नई गाइडलाइंस के तहत भारत क्यूआर कोड देश में सभी 14 लाख काउंटर्स पर दिखेगा। हम अपने टिकट काउंटरों पर आधे ट्रांजैक्शन्स को डिजिटल मोड में लाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। आपको बता दें कि भारतीय रेलवे 52000 करोड़ रुपये के टिकट हर वर्ष बेचती है। इसमें ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल की हिस्सेदारी 60 फीसदी है।
2 अक्टूबर को हो सकती है घोषणा
माना जा रहा है कि जल्द ही रेल, पासपोर्ट ऑफिस, बस और मेट्रो टिकट काउंटर्स को भारत क्यूआर कोड के जरिए भुगतान लेने को कहा जा सकता है। यही नहीं, यूटीलिटी जैसे बिजली और पानी के बिल्स पर क्यूआर कोड प्रिंट भी किया जा सकता है। इस अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के दिन हो सकती है। अधिकारी ने बताया, देश में कुल ट्रांजैक्शन्स का बहुत बड़ा हिस्सा सरकारी भुगतानों का होता है। अगर ये भुगतान डिजिटल तरीके से किए जाएं तो इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स की संख्या में बड़ा उछाल आएगा।