नई दिल्ली। सरकार विदेशी हैंडसेट कंपनियों से भारत में सर्वर लगाने की मांग कर सकती है। यह यूजर डेटा प्रोटेक्शन की दिशा में अगला कदम होगा। डेटा लीक होने की शिकायत के बाद केंद्र ने स्मार्टफोन कंपनियों से सिक्यॉरिटी के उपायों की जानकारी मांगी थी। चीन की हैंडसेट कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 50 पर्सेंट के करीब है और इनमें से अधिकतर के सर्वर चीन में हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने बताया कि ऐप्स से यूजर डेटा तक कंपनियों को ऐक्सेस मिलना चिंता की बात है, लेकिन बड़ा मसला यह है कि जो सूचनाएं तीसरे देश के सर्वर में जा रही हैं, उनकी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए। अधिकारी ने बताया, देश से बाहर सर्वर के मामले में पिछले कई साल से सवाल खड़े होते रहे हैं। इस बीच, डेटा का व्यावसायिक फायदों के लिए इस्तेमाल भी बढ़ रहा है। सरकार ने 21 स्मार्टफोन कंपनियों से सिक्यॉरिटी प्रोटोकॉल की जानकारी 28 अगस्त तक मांगी है। इनमें से ज्यादातर चीन की कंपनियां हैं। चीन की शाओमी, ओपो, वीवो, लेनोवो और जियोनी का देश के 8 अरब डॉलर के स्मार्टफोन बाजार में 50 पर्सेंट से अधिक मार्केट शेयर है। इनमें से ज्यादातर के सर्वर चीन में हैं। शाओमी के सर्वर सिंगापुर और अमेरिका में हैं।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकार स्मार्टफोन कंपनियों को निर्देश के जरिए दो मसलों को सुलझाने की कोशिश कर रही है। पहली, ऐप्स के लिए यूजर्स की सहमति के बाद जो डेटा लिए जा रहे हैं, उतने डेटा लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया, कुछ कंपनियां बहुत ज्यादा डेटा हासिल कर रही हैं, जिसका व्यावसायिक फायदों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यह गलत है और इस समस्या को सुलझाने की जरूरत है। दूसरी बात यह है कि डेटा बिना ऑथराइजेशन के हासिल किया जा रहा है और देश से बाहर उसका इस्तेमाल हो रहा है।
विदेशी मोबाइल कंपनियों से भारत में सर्वर लगाने को कह सकती है सरकार
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