मुंबई। वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान व्यक्त किया कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2019-20 में 7.20 प्रतिशत रह सकती है।
कंपनी ने रिपोर्ट में कहा कि कच्चा तेल की नरम कीमतें, राजनीतिक स्थिरता और बुनियादी संरचना की दिक्कतों के दूर होने से जीडीपी की वृद्धि को समर्थन मिल सकता है। हालांकि उसने कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की दिक्कतों के कारण वृद्धि पर नरम होने का जोखिम है। पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के निचले स्तर 5.80 प्रतिशत पर आ गई। इसके कारण पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.80 प्रतिशत तक सीमित हो गई थी। गोल्डमैन की रिपोर्ट रिजर्व बैंक की दूसरी द्वमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की घोषणा के बाद आई है। रिजर्व बैंक ने लगातार तीसरी बार रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। रिजर्व बैंक ने 2019-20 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है। गोल्डमैन ने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर में तेजी का कारण वित्त वर्ष 2019-20 में कच्चा तेल की कीमतें नरम रहने के हमारे अनुमान, चुनाव के बाद नई सरकार और मंत्रिमंडल के गठन से भरोसे में तेजी तथा बुनियादी संरचना क्षेत्र में दिक्कतों का आसान होना है। गोल्डमैन सैक्स ने यह अनुमान भी व्यक्त किया कि रिजर्व बैंक जुलाई-सितंबर में एक बार फिर से रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
