नई दिल्ली। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वैकल्पिक ईंधनों मेथनॉल, एथेनॉल और बिजली पर ध्यान दिए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा है कि इससे खनिज ईंधन पर निर्भरता और लागत कम हो सकेगी। गडकरी ने कहा, ‘‘हमारा कच्चे तेल का आयात बिल सात लाख करोड़ रुपए है। इस लागत की वजह से देश के समक्ष बड़ी आर्थिक समस्याएं खड़ी हो रही हैं। साथ ही जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल से प्रदूषण की समस्या भी पैदा हो रही है।’’ गडकरी ने कहा कि कृषि में कच्चे माल का काफी अपशिष्ट है। कचरे के जरिए इसे ऊर्जा में बदलने की जरूरत है। इससे हम मेथनॉल, एथेनॉल और जैव ईंधन तथा बिजली जैसे ईंधन की ओर बढ़ सकेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही 2022 तक कच्चे तेल के आयात बिल को 10 प्रतिशत नीचे लाने की घोषणा कर चुके हैं। गडकरी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता कृषि है। ‘‘हमें शहरी क्षेत्र में सभी समस्याएं इसलिए झेलनी पड़ रही हैं क्योंकि हमें कृषि की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि शहरी आबादी और बढ़ेगी। इससे पुणे, मुंबई, चेन्नई और दिल्ली जैसे शहरों के लिए और समस्याएं पैदा होंगी।
