Sunday, April 27, 2025 |
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फिच ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का पूर्वानुमान घटाकर 6.80 प्रतिशत किया

by Business Remedies
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नई दिल्ली। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये देश की आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.80 प्रतिशत कर दिया। एजेंसी ने आर्थिक गतिविधियों में उम्मीद से कमतर गति को इसका कारण बताया।

एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान भी 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले उसने पिछले साल दिसंबर में इसे 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया था। वित्त वर्ष 2017-18 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.20 प्रतिशत रही थी। एजेंसी ने अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा, ‘‘हालांकि हमने अर्थव्यवस्था में उम्मीद से कमतर तेजी के कारण अगले वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान कम किया है, इसके बाद भी देश का सकल घरेलू उत्पाद वित्तवर्ष 2019-20 में 6.8 प्रतिशत और वित्तवर्ष 2020-21 में 7.10 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा।’’ एजेंसी ने कहा कि देश की जीडीपी की वृद्धि दर लगातार दूसरी तिमाही में सुस्त पड़ी है और अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 6.6 प्रतिशत पर आ गयी। इससे पहले जुलाई-सितंबर तिमाही और अप्रैल-जून तिमाही में वृद्धि दर क्रक्रमश: सात प्रतिशत और आठ प्रतिशत रही थी। उसने कहा, ‘‘विनिर्माण क्षेत्र में और कुछ हद तक कृषि क्षेत्र में गतिविधियां नरम पडऩे से वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ी है।

2020 के अंत तक 73 तक गिरेगा रुपया : फिच के अनुसार, दिसंबर 2019 तक रुपये के गिरकर 72 रुपये प्रति डॉलर पर और दिसंबर 2020 तक गिरकर 73 रुपये प्रति डॉलर पर आ जाने की आशंका है। दिसंबर 2018 में यह 69.82 रुपये प्रति डॉलर पर रहा था। एजेंसी ने कहा कि वित्तीय एवं मौद्रिक नीतियां वृद्धि के अनुकूल होते जा रही हैं।

वैश्विक जीडीपी अनुमान भी घटाया: फिच ने कहा, ‘‘हमने आधार दर के बारे में अपना परिदृश्य बदला है और हमें पहले की आशंका के अपेक्षाकृत आसान वैश्विक मौद्रिक परिस्थितियां तथा मुद्रास्फीति के दायरे में रहने के कारण आधार दर में 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती का अनुमान है।’’ फिच ने वैश्विक जीडीपी की वृद्धि दर का अनुमान भी कम किया है। एजेंसी ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान 2018 के लिये 3.3 प्रतिशत से घटाकर 3.2 प्रतिशत और 2019 के लिये 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.8 प्रतिशत कर दिया।

फिच ने चीन के लिये पूर्वानुमान 2018 में 6.6 प्रतिशत और 2019 में 6.1 प्रतिशत पर बनाये रखा। एजेंसी ने कच्चा तेल में भी नरमी का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।



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