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राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 92.4 प्रतिशत पर पहुंचा

by admin@bremedies
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नई दिल्ली। देश का राजकोषीय घाटा जुलाई अंत में पूरे वर्ष के बजट अनुमान का 92.4 प्रतिशत तक पहुंच गया। ऐसा विभिन्न सरकारी विभागों के लिए आबंटित वार्षिक खर्च का बड़ा हिस्सा वर्ष के शुरुआती महीनों में ही जारी करने की वजह से हुआ है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई के दौरान राजकोषीय घाटा 5.04 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। पिछले वर्ष इसी अवधि में राजकोषीय घाटा पूरे वर्ष के बजट अनुमान का 73.7 प्रतिशत रहा था। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सरकार ने राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है। इससे पिछले वर्ष राजकोषीय घाटे को जी.डी.पी. के 3.5 प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य को हासिल किया गया। सरकार ने चालू वित्त वर्ष का बजट अप्रैल में वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले ही पारित करा लिया था। इससे विभिन्न मंत्रालयों को वित्तीय वर्ष शुरू होने के पहले महीने से उनके खर्च प्रस्तावों पर आगे बढऩे का अवसर मिला और उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित किया गया। महालेखा परीक्षक के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई तक के 4 माह के दौरान सरकार की राजस्व प्राप्ति भी सुधर कर 2.91 लाख करोड़ रुपए हो गई। हालांकि, पूरे वित्त वर्ष के लिए रखे गए राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य का यह 19.2 प्रतिशत ही है। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने विभिन्न करों से 15.15 लाख करोड़ रुपए मिलने का अनुमान रखा है।

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