मुंबई/एजेंसी। रियल इस्टेट रेगुलेटरी एक्ट (रेरा) के तहत अब तक 31 ग्राहकों ने विकासकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। रेरा प्रमुख गौतम चटर्जी ने इसकी जांच कर जल्द कार्रवाई किए जाने की बात कही है। इस बीच, 1950 बिल्डरों पर देरी से पंजीकरण कराने पर जुर्माना लगाए जाने की भी खबर है।
महाराष्ट्र में इसी साल 1 मई से रेरा लागू किया गया है। इसके बाद जिन इमारतों का काम चालू था उन्हें चल रही परियोजना में शामिल कर 90 दिन के भीतर उसका पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया था। लेकिन तय अवधि में सिर्फ 10,800 परियोजना के ही आवेदन रेरा में आए थे। इसके बाद देरी से आने वाले पंजीकरण के आवेदनों पर रेरा ने जुर्माना लगाना शुरू किया। इसके तहत अब तक 1950 परियोजनाओं पर रेरा ने देरी से पंजीकरण कराने के लिए जुर्माना लगाया है। 19 अगस्त तक रेरा में 8500 परियोजनाओं को रेरा में पंजीकरण का प्रमाण-पत्र दिया गया था। अब तक पंजीकरण के लिए 12,750 आवेदन आ चुके हैं। अधिकारियों की मानें, तो 31 जुलाई तक 10,800 आवेदन आए थे।
रेरा के अंतर्गत भवन निर्माताओं के खिलाफ दर्ज की गई 31 शिकायतों में से अधिकतर घर तय समय पर न देने से संबंधित हैं। इसके अलावा कुछ शिकायतें परियोजनाओं के लिए तय कई अनुमतियां न होने की हैं। रेरा अधिकारी इन शिकायतों की जांच कर दोषी पाए जाने पर विकासकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
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