नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), देना बैंक और विजया बैंक के विलय को वित्त मंत्रालय की वैकल्पिक व्यवस्था ने अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। वहीं प्रस्तावित विलय और वेतन संशोधन के लंबित होने को लेकर विभिन्न सरकारी बैंकों के करीब 3.20 लाख अधिकारियों के शुक्रवार को हड़ताल पर रहे, जिसका असर सरकार पर न के बराबर हुआ।
बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग ने 20 दिसंबर, 2018 को कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक तथा देना बैंक के प्रस्तावित विलय को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। प्रस्तावित विलय के तहत बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली वैकल्पिक व्यवस्था ने वैश्विक आकार के बैंक बनाने के इरादे से तीनों बैंकों के विलय का निर्णय किया। वित्त मंत्रालय के निर्णय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के निदेशक मंडल ने 29 सितंबर को तीनों सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रस्तावित विलय को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। अन्य दोनों बैंकों के निदेशक मंडल ने भी विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक तथा देना बैंक के विलय के बाद बनने वाली नई इकाई अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से काम करना शुरू कर सकती है। विलय के बाद अस्तित्व में आने वाले बैंक का कारोबार 14.82 लाख करोड़ रुपए का होगा और वह एसबीआई तथा आईसीआईसीआई बैंक के बाद तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा।
वित्त मंत्रालय ने दी बीओबी, देना और विजया बैंक के विलय को मंजूरी
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