नई दिल्ली। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (स्नष्टढ्ढ) अगले दो साल में बॉन्ड बेचकर 32,000 करोड़ रुपये जुटाने वाली है। कंपनी बॉन्ड की बिक्री से हासिल होने वाली रकम खाद्यान्न की खरीदारी और उसके भंडारण में लगाएगी। कंपनी इसमें से 8,000 करोड़ रुपये इसी साल हासिल करेगी जबकि अगले साल 24,000 करोड़ रुपये जुटाएगी।
फूड मिनिस्ट्री के अनुसार उन्हे फंड जुटाने के लिए फाइनेंस डिपार्टमेंट की सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।और वह पैसा जुटाने के लिए बस सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद यह काम हो सकता है।
कंपनी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (रूस्क्क) पर खाद्यान्न की खरीदारी और उसके भंडारण के लिए पिछले छह महीनों में तीन किस्तों में बॉन्ड बेचकर 13,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी ने 2013 में एक ही दिन में 8.62प्रतिशत कूपन रेट वाले 10 साल के बॉन्ड के जरिए 300 करोड़ और 8.80प्रतिशत कूपन रेट वाले 15 साल के बॉन्ड्स के जरिए 4,700 करोड़ रुपये जुटाए थे। एफसीआई ने 2014 में फिर बाजार से उधारी जुटाई लेकिन उसने 8,000 करोड़ रुपये के लिए 8 साल के बॉन्ड पर 9.95 प्रतिशत कूपन रेट दिया। मिनिस्ट्री के दूसरे अफसर ने बताया कि प्रस्तावित बॉन्ड 10 साल का हो सकता है।एफसीआई ने खाद्यान्न की खरीदारी, भंडारण और परिवहन के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये की ऑपरेशनल कॉस्ट का बजट बनाया है। जानकारी के अनुसार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के चलते पूरा खर्च फूड मिनिस्ट्री उठाएगी। लेकिन स्नष्टढ्ढ को हृस्नस््र की फंडिंग के लिए अपनी तरफ से फंड का इंतजाम करना होगा क्योंकि पिछले दो साल से सरकार फूड सब्सिडी की पूरी रकम का भुगतान नहीं कर पाई है। एफसीआई को सरकार से फंड तो मिल ही रहा है साथ ही उसने नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड (हृस्स्स्न) से मोटी रकम उधार ली है।