नई दिल्ली। लबालब भरे अनाज भंडारों के मद्देनजर सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने चालू वित्तवर्ष में खुले बाजार में थोक उपभोक्ताओं को एक करोड़ टन गेहूं बेचने का फैसला किया है। यह मात्रा पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 40 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने तीन मुख्य गेहूं उत्पादक राज्यों – पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के लिए 2,080 रुपये प्रति क्विंटल के आधार मूल्य पर गेहूं पेशकश कर रही है, जबकि अन्य राज्यों के लिए लुधियाना से बाहर की माल ढुलाई शुल्क को आधार मूल्य में जोड़ा जाएगा।
आदेश के मुताबिक एफसीआई गेहूं उगाने वाले राज्यों में खरीद अवधि को छोड़कर पूरे वित्त वर्ष में खुली बाजार बिक्री योजना के तहत ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं बेचेगी। इसमें कहा गया है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अनाज की खरीद और वितरण के लिए सरकार की शीर्ष एजेंसी है। खाद्य मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, गेहूं की बिक्री मात्रा 100 लाख टन तय की गई है। हालांकि, उठान अगर अधिक होता है तो खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा इसकी समीक्षा की जा सकती है। इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष की आगे की तिमाहियों में आधार दर में 55 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की जाएगी। आंकड़े के मुताबिक मौजूदा समय में, एफसीआई के पास चार करोड़ टन का विशाल खाद्यान्न भंडार है। इसमें एक अप्रैल तक 1.6 करोड़ टन का पुराना स्टॉक और जारी सरकारी खरीद से 2.42 करोड़ टन नया अनाज शामिल है। एजेंसी ने इस वर्ष रिकॉर्ड 10 करोड़ टन का उत्पादन होने की उम्मीद में विपणन वर्ष 2019-20 (अप्रैल-मार्च) के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 3.57 करोड़ टन निर्धारित किया है। व्यापारियों के अनुसार, वर्तमान में गेहूं का बाजार मूल्य इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,840 रुपये प्रति क्विंटल से कम चल रहा है। चालू वित्तवर्ष के लिए ओएमएसएस के तहत दी जाने वाली आधार दर एमएसपी से बहुत अधिक है और यह पिछले वर्ष की आधार दर से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि व्यापारी सीधे खुले बाजार से सस्ती दर पर गेहूं खरीद रहे हैं और खरीद अवधि खत्म होने के बाद एफसीआई से खरीद पर विचार कर सकते हैं। पिछले वित्त वर्ष मे एफसीआई ने 1,900 रुपये प्रति क्विंटल की आधार दर पर 70 लाख टन गेहूं बेचा था।