नई दिल्ली। गत सप्ताह भी दक्षिण भारत के फैडरेशन का दूध पाउडर 10 रुपए किलो सस्ता हो गया, जिसके चलते घरेलू कम्पनियों के माल छोटे दुकानदार 5/7 रुपए किलो घटाकर बेचने लगे, जबकि कम्पनियों के माल पूर्वस्तर पर टिके रहे। देशी घी के मीडियम माल में 50/75 रुपए प्रति टीन घटाकर व्यापार हुआ, जबकि लीडर कम्पनियां पूर्व भाव बोल रही थीं। यूपी के कुछ प्लांट चलने शुरू हो गये हैं, लेकिन दूध की किल्लत से अभी ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उत्तर भारत में कच्चे दूध की आपूर्ति 90 लाख लीटर दैनिक हो रही है, लेकिन 74-75 लाख लीटर पोली दूध में जा रहा है। पाउडर प्लांटों में अभी मुश्किल से 15-16 लाख लीटर ही यूपी-हरियाणा, राजस्थान को मिलाकर प्रोसेसिंग के लिए टैंकर उतर रहे हैं। यह दूध बंटकर प्रति प्लांट 25 से 50 हजार लीटर रह गया है। कुछ बड़े प्लांट डेेढ़-पौने दो लाख लीटर चला रहे हैं। शेष प्लांट दूध की आवक बढऩे के इंतजार में इस महीने के बाद चलेगी। चालू सप्ताह में हरवंश लाल फूड्ïस प्रा.लि. एवं कृपाराम डेयरी में नया उत्पादन शुरू हो गया है। धीरेे-धीरे और प्लांट में भी उत्पादन सितम्बर के प्रथम सप्ताह में होने लगेगा। प्लांटों में दूध पाउडरा का स्टॉक ज्यादा नहीं है, लेकिन उक्त अवधि के अंतराल फैडरेशन का आविन दूध पाउडर 8/10 रुपए किलो घट जाने की चर्चा से अन्य फैडरेशन भी घटाकर बिकवाल आ गये। इसे देखकर खारी बावली, श्रद्धानंद मार्केट, करोल बाग एवं जमुना पार के स्टॉकिस्ट भी 10/12 रुपए घटाकर पुराने माल बेचने लगे। फलत: अधिकतर कम्पनियों मेें भी अंदरूनी बाजार दब गया। जबकि लीडर कम्पनियां पूर्वस्तर पर भाव बोल रही थीं। वहीं देशी घी में स्टॉकिस्टों की बिकवाली आने लगी है, जिससे 50/75 रुपए प्रति टीन का और मंदा आ गया। देशी घी 30-आरएम वाले माल 6100/6150 रुपए बोल रहे हैं, जबकि सैम्पल पास माल 5750/5800 रुपए बिकने लगे हैं, जिससे 6300 वाले माल की बिक्री पूरी तरह ठप्प पड़ गयी है। अगले एक सप्ताह के अंतराल इसमें 100/150 रुपए का मंदा लग रहा है।
एनएनएस
