नई दिल्ली। केरल की कोच्चि मंडी में सौंठ की आवक नगण्य होने तथा लिवाली मजबूत बनी होने से सौंठ 5 रुपए प्रति किलोग्राम तेज हुई। व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि आगामी समय में सौंठ और तेज होने की प्रबल उम्मीद है क्योंकि इसकी आवक सामान्य की अपेक्षा कमजोर बनी हुई है तथा खपत का सीजन सिर पर है।
स्थानीय थोक किराना बाजार में सौंठ सामान्य 13500/14000 रुपए प्रति क्विंटल बोली गयी। व्यापारियों का कहना है कि केरल, कर्नाटक और पूर्वाेत्तर भारत के प्रमुख उत्पादक राज्यों से सौंठ की आवक सामान्य की अपेक्षा कमजोर बनी होने से यहां इसकी उपलब्धता कमजोर बनी हुई है। सर्दियों के आगामी मौसम को देखते हुए सौंठ में और तेजी आने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं।
केरल की कोच्चि मंडी स्थित व्यापारी विश्वनाथ अग्रवाल ने बताया कि मंडी में सौंठ की आवक नगण्य हुई। आवक नगण्य होने जबकि मांग बढऩे से यहां सौंठ 5 रुपए तेज होकर 130/145 रुपए प्रति किलोग्राम पर बोली गई। उन्होंने आगे बताया कि सागर लाईन में भी सौंठ तेज होने की खबरें हैं। कर्नाटक की सागर लाईन में भी सौंठ इतनी ही तेज होकर 125/135 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर जा पहुंचने की रिपोर्ट्स मिली। सौंठ में अभी तक आई तेजी का एक प्रमुख कारण यह है कि कच्ची अदरक की कीमत आकर्षक बनी होने से उत्पादकों की सौंठ बनाने में रुचि लगातार घटती जा रही है। गौरतलब है कि आजादपुर स्थित थोक फल एवं सब्जी मंडी में बंगलौर की अदरक 32/35 रुपए तथा सिक्किम की 35/38 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी हुई है। गौरतलब है कि केरल और कर्नाटक के अलावा पूर्वाेत्तर भारत के असम, मेघालय, सिक्किम, और मिजोरम प्रमुख सौंठ उत्पादक राज्य हैं। इन राज्यों में आमतौर पर सौंठ का क्रमश: 1,41,441 टन, 65,979 टन, 54,990 टन और 54,990 टन उत्पादन होता है।
कर्नाटक में सामान्यत: सौंठ का 1,09,340 टन और केरल में 22,044 टन उत्पादन होता है। बंगाल में 1,29,018 टन सौंठ का उत्पादन होता है। इनके अलावा गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, ओडि़सा, उत्तरांचल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी सौंठ का उत्पादन होता है। घरेलू बाजारों में सौंठ की कीमत तुलनात्मक रूप से ऊंची होने के कारण इसका निर्यात प्रभावित हो रहा है। एनएनएस
सौंठ में और तेजी की उम्मीद
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