नई दिल्ली। मौसम प्रतिकूल होने तथा अंतर्राष्टï्रीय बाजार में हाल ही में करीब 11 प्रतिशत की तेजी आने से आगामी समय में घरेलू बाजारों में कालीमिर्च में सुधार जारी रहने का अनुमान है।
कर्नाटक की भांति ही केरल में भी मौसम में नकारात्मक बदलाव हुआ है। चालू अगस्त माह के आरम्भ से लेकर अभी तक केरल में भी मानसूनी वर्षा सामान्य की तुलना में कम बताई जा रही है। उधर, कर्नाटक पहले ही वर्षा की गम्भीर कमी की समस्या से जूझ रहा है। प्राप्त हो रहे संकेतों के अनुसार कर्नाटक में इस बार अभी तक सामान्य की तुलना में करीब एक तिहाई वर्षा कम हुई है। इसका मरकरा कालीमिर्च की आने वाली फसल पर नकारात्मक होने की आशंका व्यक्त की जाने लगी है। मौसम में आए बदलाव को देखते हुए अंतिम सूचना के समय कोच्चि में कालीमिर्च की आवक घटकर करीब 100 बोरियों की होने की खबरें हैं। आवक घटने तथा दिसावरों और स्टॉकिस्टों की लिवाली मजबूत होने से वहां कालीमिर्च 5 रुपए बढ़ाकर 490/500 रुपए प्रति किलोग्राम हो जाने की जानकारी मिली। इसके समर्थन में कर्नाटक की मंडियों में भी मरकरा कालीमिर्च बढ़ाकर फिलहाल 460/470 रुपए पर बोली जाने लगी। इंटरनेशनल पीपर कम्युनिटी (आईपीसी) के अनुमानों पर यदि विश्वास किया जाए तो वर्तमान सीजन में वियतनाम के इतिहास में पहली बार कालीमिर्च का 1.85 लाख टन उत्पादन होने की सम्भावना है। इतना ही नहीं, यदि इसमें 15 हजार टन के पिछले सीजन के बकाया स्टॉक को भी शामिल कर लिया जाए तो इस बार वियतनाम में कालीमिर्च की कुल उपलब्धता बढक़र 2 लाख टन हो जाएगी। इसकी वजह से अंतर्राष्टï्रीय और घरेलू, दोनों ही, बाजारों में, कालीमिर्च दबाव में आ गई थी। अब यह रुख बदल गया है। गत एक महीने पूर्व अंतर्राष्टï्रीय बाजार में कालीमिर्च 4.85 डॉलर प्रति किलोग्राम पर बनी हुई थी, जोकि अब बढक़र 5.40 डॉलर हो गई है। दूसरे शब्दों में, बीते एक महीने में कालीमिर्च की अंतर्राष्टï्रीय कीमत में 0.55 डॉलर या 11.34 प्रतिशत की तेजी आई है। इतना ही नहीं, एक सप्ताह पूर्व यह 5.18 डॉलर पर बनी हुई थी। इस दौरान इसकी कीमत में 0.22 डॉलर या 4.24 प्रतिशत की तेजी आई। कालीमिर्च में एक महीने में आई तेजी के बाद भी बीते वर्ष की आलोच्य अवधि में रही इसकी 9.04 डॉलर कीमत की तुलना में इसकी नवीनतम कीमत 3.64 डॉलर या 40.26 प्रतिशत नीची बनी हुई है। इधर, देश में इस बार कालीमिर्च का उत्पादन बढऩे की सम्भावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। हालांकि उत्पादन बढऩे के अनुमानों के बाद भी उत्पादक वर्तमान कीमत पर अपनी इस उपज की बिक्री करने के इच्छुक नजर नहीं आ रहे हैं। रुपए-डॉलर की विनिमय दर से देखें तो अंतर्राष्टï्रीय बाजार में भारतीय कालीमिर्च की कीमत घरेलू बाजारों की तुलना में नीची है। इधर, स्टॉकिस्टों की लिवाली कमजोर ही बनी होने से स्थानीय थोक किराना बाजार में कालीमिर्च मरकरा हाल ही में 25 रुपए मंदी होकर फिलहाल 490/495 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गई। वित्त वर्ष 2016-17 में कालीमिर्च के निर्यात में 37 प्रतिशत की गिरावट आई है।
(एनएनएस)
