नई दिल्ली। सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश रंजन की अध्यक्षता वाले टास्कफोर्स ने नए डायरेक्ट टैक्स कानून पर अपनी रिपोर्ट को सरकार को सौंप दी है। यह ड्रॉफ्ट कानून मौजूदा आयकर कानून का स्थान लेगा। हालांकि, रिपोर्ट से जुड़े विवरणों की जानकारी अभी नहीं मिली है।
21 महीने में कुल 89 बैठकों के बाद टास्कफोर्स ने ये रिपोर्ट तैयार की है। टास्कफोर्स ने इस रिपोर्ट में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है। बता दें कि जब कंपनियां डिविडेंड देती हैं तो उस पर 15 प्रतिशत डीडीटी लगता है। डीडीटी के ऊपर 12 प्रतिशत सरचार्ज और 3 प्रतिशत एजुकेशन सेस लगता है। इस तरह कुल मिलाकर डीडीटी की प्रभावी दर 20.35 प्रतिशत हो जाती है। टास्कफोर्स ने मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स को भी पूरी तरह से हटाने की सिफारिश की है। अभी कंपनी के मुनाफे पर 18.5 प्रतिशत मैट लगता है। आयकर कानून की धारा 115जेबी के तहत मैट लगता है। टास्कफोर्स ने सभी के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। टास्कफोर्स ने इनकम टैक्स की दरों और स्लैब में बड़े बदलाव की भी सिफारिश की है और आयरकदाताओं की फेसलेस स्कू्रटनी के लिए जरूरी उपाय सुझाए हैं।
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा कि नए डायरेक्ट टैक्स कानून का मसौदा तैयार करने के लिए सरकार की ओर से गठित कार्यबल के संयोजक अखिलेश रंजन ने वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण को रिपोर्ट सौंप दी है। कार्यबल को अपनी रिपोर्ट 31 मई तक जमा करनी थी लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काम पूरा करने के लिए कार्यबल को दो महीने का और समय दिया था।