Sunday, December 7, 2025 |
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हृदय स्वास्थ्य को नई दिशा देने वाले Dr. Rishabh Mathur की प्रेरक चिकित्सा यात्रा

by Business Remedies
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चारु भाटिया | बिजनेस रेमेडीज/जयपुर। जयपुर के मेट्रो मास हॉस्पिटल, जयपुर के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. ऋषभ माथुर को हृदय रोग उपचार के क्षेत्र में 23 वर्षों का अनुभव है। अपने रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण और गहरी विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध डॉ. माथुर ने अपना पूरा जीवन हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उपचार और जन-जागरूकता दोनों में समर्पित किया है। इस बातचीत में उन्होंने अपने चिकित्सा सफर, बदलते दौर की कार्डियोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के प्रभाव और युवाओं के लिए अपने सुझाव साझा किए।

प्रश्न : आप जयपुर के प्रसिद्ध डॉक्टर हैं, अपने अब तक के सफर के बारे में बताएं?
उत्तर : बचपन से ही मेरा रुझान चिकित्सा क्षेत्र की ओर था। मैंने जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से स्नातक किया और उसके बाद दिल्ली से कार्डियोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल की। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स दिल्ली में मेरा अनुभव मेरे करियर को दिशा देने वाला साबित हुआ। वहां देश के बेहतरीन कार्डियोलॉजिस्ट्स के मार्गदर्शन में मुझे उन्नत हृदय उपचार का प्रशिक्षण मिला। बीते 23 वर्षों में मेरा विश्वास यही रहा है कि समर्पण और सच्चा जुनून ही उत्कृष्टता की कुंजी है। वर्तमान में मैं मेट्रो मास हॉस्पिटल, जयपुर में सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत हूँ और मरीजों की देखभाल के प्रति अपने अनुभव और निष्ठा के लिए पहचाना जाता हूँ।

प्रश्न : पिछले कुछ वर्षों में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी कई भ्रांतियाँ सामने आई हैं। इस पर आपका क्या विचार है?
उत्तर : यह सच है कि डॉक्टरों और चिकित्सा पद्धति को लेकर कई गलतफहमियाँ हैं। एक आम धारणा यह है कि डॉक्टर केवल पैसे कमाने के लिए काम करते हैं, जबकि यह गलत है। अधिकांश डॉक्टर अपने मरीजों की भलाई और स्वस्थ जीवन के लिए पूरी निष्ठा से काम करते हैं। एक और बड़ी समस्या है चिकित्सा बीमा को लेकर जागरूकता की कमी। लोगों को समझना चाहिए कि बीमा समय पर और सुलभ इलाज सुनिश्चित करने में कितना जरूरी है। समाज को डॉक्टरों की भूमिका की सराहना करनी चाहिए, क्योंकि तमाम चुनौतियों के बावजूद डॉक्टर हमेशा मरीजों की भलाई को सर्वोपरि रखते हैं।

प्रश्न : विज्ञान की प्रगति के साथ एआई ने कई क्षेत्रों में असर डाला है। चिकित्सा क्षेत्र में इसकी क्या भूमिका देखते हैं?
उत्तर : कार्डियोलॉजी में एआई की भूमिका अभी शुरुआती स्तर पर है, लेकिन इसकी संभावनाएँ बहुत बड़ी हैं। यह शुरुआती हृदय रोग पहचानने और जांच की सटीकता बढ़ाने में सहायक हो सकता है। जैसे-जैसे तकनीक विकसित होगी, एआई डॉक्टरों के लिए एक मजबूत सहायक उपकरण बन सकता है, जिससे इलाज और भी सटीक और प्रभावी हो सकेगा।

प्रश्न : हाल के वषों में जयपुर में स्वास्थ्य जागरूकता को आप कैसे देखते हैं?
उत्तर : जयपुर में स्वास्थ्य जागरूकता में काफी सुधार हुआ है। अस्पताल और स्वास्थ्य संस्थान लगातार जागरूकता कार्यक्रम और शिविर आयोजित कर रहे हैं, जिनमें लोगों को विभिन्न बीमारियों के लक्षणों के बारे में बताया जाता है। कई शिविरों में सीपीआर जैसी जीवनरक्षक तकनीक भी सिखाई जाती है। इन प्रयासों से लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी और सतर्कता बढ़ी है।

प्रश्न : हाल के वर्षों में हृदय रोग उपचार में क्या बदलाव आए हैं?
उत्तर : कार्डियक उपचार में जबरदस्त प्रगति हुई है। पहले जिन प्रक्रियाओं के लिए लंबा अस्पताल में रहना पड़ता था, वे अब कुछ घंटों में पूरी हो जाती हैं और कई मरीज उसी दिन घर जा सकते हैं। रिकवरी का समय कम हुआ है और नई तकनीकों से सर्जरी अब ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी हो गई है। कुल मिलाकर इन बदलावों ने मरीजों के अनुभव और उपचार परिणाम दोनों को बेहतर बनाया है।

प्रश्न : हृदयाघात के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?
उत्तर : सबसे आम लक्षण है सीने में दर्द या भारीपन। इसके अलावा अत्यधिक थकान, सांस फूलना और ज्यादा पसीना आना भी इसके संकेत हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, इससे जीवन बचाया जा सकता है।

प्रश्न : युवा पीढ़ी में बीमारियाँ बढऩे की मुख्य वजह क्या है?
उत्तर : इसका मुख्य कारण जीवनशैली में बदलाव है। तनाव, नींद की कमी, गलत खानपान और निष्क्रिय जीवनशैली इसके प्रमुख कारण हैं। महामारी के बाद लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है, लेकिन धूम्रपान और शराब जैसी आदतें अभी भी हानिकारक प्रभाव डाल रही हैं। समाधान है रोकथाम — यानी शुरुआत से ही संतुलित और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना।

प्रश्न : सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या कर सकती है?
उत्तर : सरकार की नीतियाँ अच्छी हैं, लेकिन समस्या उनके सही क्रियान्वयन में है। लालफीताशाही, देरी और भ्रष्टाचार से काम रुक जाते हैं। अगर प्रक्रियाओं को सरल, पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाए, तो स्वास्थ्य सेवाएँ अधिक प्रभावी और सुलभ हो सकती हैं।

प्रश्न : अंत में, युवाओं के लिए आपका क्या संदेश है जो डॉक्टर बनना चाहते हैं?
उत्तर : चिकित्सा एक आजीवन समर्पण का क्षेत्र है, जिसमें धैर्य, ईमानदारी और लगन की जरूरत होती है। यह सफर लंबा है और कभी-कभी कठिन भी, लेकिन अत्यंत संतोषजनक है। मेरा संदेश यही है — ध्यान केंद्रित रखें, कड़ी मेहनत करें और हमेशा याद रखें कि इस पेशे का उद्देश्य मानवता की सेवा है।



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