देश में आजकल बाबाओं ने धूम मचा रखी है। ये पता नहीं कहां से आ टपके हैं कि पूरे देश में बवाल मच गया है। इन बाबाओं की भक्ति का कारोबार भी हाई लेवल पर इस कद्र चलता है कि भक्त भी इनकी पूजा में कोई कसर नहीं छोड़ते। बाबाओं में भारी कम्पीटिशन है। बिना टैक्स की संपत्ति भी खूब होती है इनके पास। आप इसे ठंडा आतंक भी कह सकते हैं। कई तो भोली भाली जनता को मूर्ख बनाकर अपने सानिध्य में ले लेते हैं। ये सब अपने को भगवान का दूत बताने से भी बाज नहीं आते। पहले आसाराम बापू आए फिर रातपाल आए और अभी रामरहीम आ गये। सब जगह राम का नाम बदनाम किया जा रहा है। देश की सीबीआई को इनके खेल का पता देरी से ही सही, आखिर पता चल ही जाता है। इन बाबाओं के रंगमंच से संपत्ति लुढ़कती है। इन सभी के पास संपत्ति-धन की बाढ़ आई हुई है। हरेक के पास १०० करोड़ से ज्यादा की संपत्ति तो होती ही है। इनके आश्रम भी फाईव स्टार लेवल के होते हैं आश्रम में कैमरे, तरणताल, कमांडोज, बड़ी-बड़ी गाडिय़ां, अर्दली, गन्स, पिस्टल्स, तलवारें, कंप्यूटर्स, हाईटैक अरेंजमेंटï्स, मोबाईल्स सब कुछ होता है। खाने को यहां खीर, हलुआ भी सदैव उपलब्ध रहता है। कई तो पैरेलल कमांडोज भी अपनी सुरक्षा में रखते हैं। अस्त्र-शस्त्रों का जखीरा भी होता है। ये आसानी से सरेंडर भी नहीं करते। इनके भक्त भी दो तरह के होते हैं। एक तो कटï्टर अंधे भक्त जो ज्यादातर आश्रम में ही डेरा डाले रहते हैं। दूसरे तरह के वो भक्त होते हैं जो बाबाजी के दर्शनों को आते रहते हैं।
बाबा रामपाल भी हिसार के थे और रामरहीम सिरसा के। इनको पकडऩे के लिये पुलिस व न्यायालय को भी मशक्कत करनी पड़ जाती है। न्यायालय का दबाव ना हो तो इन्हें पकडऩा मुश्किल हो जाता है। इन हरेक बाबाओं की कथनी व करनी मेें भारी अंतर होता है। आडंबरों का भारी जोर यहां देखा जा सकता है। पुलिस को भी इनका विद्रोह झेलना पड़ता है। बाबाओं के कृपापात्र साक्ष्यों को मिटाने में ही ज्यादा व्यस्त रहते हैं। बाबाओं के कारोबार से कई भक्त गुलजार होते रहते हैं। कई भक्तों की दुकाने चलती रहती हैं। बाबाजी अपने रहने के लिये अच्छी किलाबंदी भी कर लेते हैं। कई भक्तों को इनके किले की जानकारी नहीं होती। बाबाओं की पकड़ इतनी गहरी होती है कि भक्त सदैव इनकी गिरफ्त में रहता है। ये बाबा भक्तिनियों, साध्वी या महिलाओं के लिये विशेष व्यवस्थाएं भी आश्रम में उपलब्ध कराते हैं। कईयों का विशेष ध्यान रखा जाता हैं।
ये बाबा सदैव लक्जरी में जीते हैं। कई अपने आपको भगवान भी घोषित कर देते हैं। कई समाज में अपने आडंबरों से पैठ जमाते है। कई न केबल उपदेश देते हैं, बल्कि आशीर्वचन की आकाशवाणी भी करते हैं। बाबा रहीम तो रॉक सटार भी बनने चले थे। बाबा रहीम तो महिलाओं में अच्छी खासी दिलचस्पी भी रखते थे। राजनतिक पार्टियों को भी जब इनकी ख्याति का पता चलता है तो वे भी इनके आगे नतमस्तक होने में अपना परमोधार्य समझते हैं। बाबाजी सरकारी नेताओं का अच्छे से अभिनंदन भी करते हैं। सांध्य वेला पश्चातï् बाबाओं के अंडरग्राउन्ड कक्ष में हरेक को प्रवेश भी वर्जित होता है। बाबा लोग बाहर आडंबरों से हमेशा नियम पक्का रखने का वादा करते हैं। भक्तों से अपेक्षा करते हैं इन्हें पवित्र धातु, सोना, चांदी, मुद्राराशि या सफेद भोजन का ही प्रसाद/भाग चढ़ाया जावे। इनके विशेष कक्ष में योगासिनियां, साध्वियां, भक्ति ने अपने खास मेहमानों का विशेष अभिनंदन करती हैं। बाबा रामपाल तो दूध से नहाते थे व दूध की खीर बनाकर विशेष प्रसाद बांटते। इनके पास वो ऊर्जा होती है जिससे समस्त समिधा और अग्नि ठंडी पड़ जाती है। हवनों में कौन सा तत्व बलवान है ये भी बता दिया जाता है। कोई भक्त इन्हें जवाब नहीं दे सकता है। क्योंकि सारे भक्तों का सामान्य ज्ञान ऐसे में जीरो ही होता है। रामरहीम आत्म शुद्धि व सुख शांति के लिये वो ऊर्जा संचार की बात करते जो भक्तों में प्राणवायु का कार्य करती है। कोई भी इसे भक्तिन योगासिनी से संपर्क कर इसे जान सकता है। संभोग से समाधि तक रास्ता ही ऊर्जा का, सुख शांति का विकल्प मात्र है। चरणामृत की लुग्दी बनाकर खाईये, आपका भविष्य/टैक्योर अच्छा निकलेगा।
धर्म का कारोबार करने वाले ये सारे बाबा स्वयं वैचारिक शून्यता और मानसिक रुप से पीडि़त दिखाई देते हैं। जिनका खुद का ही जीवन का मूल्य ही निराधार होता है। इनके कुकृत्यों को भी भक्तों को झेलने पड़ते हैं। आडंबर के जरिये उन्होंने भक्तों से धन की लूटपात की एक नई शैली विकसित कर रखी है।
अत: क्या ही अच्छा हो कि इस बाबत भी मोदी सरकार कोई ऐसे ठोस नियम कायदे बनाए, ताकि जनता को यहां भी वे स्वच्छता दे सकें। ऐसे गलत धर्म के आध्यात्म को भी समापत किया जाना जरुरी है जहां समाज में फैल रही कुरुतियों को रोका जा सके। इन बाबाओं से अशिक्षित आम आदमी की जिंदगियों को भी बचाना आज के समय में जरुरी हो गया है। इनके आडंबरी कारोबार पर लगाम लगाई जानी आवश्यक है। राम का नाम बदनाम करने वाले ऐसे बाबाओं पर कड़ा नियंत्रण रखा जाना बेहद जरुरी है।
राम का नाम बदनाम ना करो
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