मुंबई। भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष 2019-20 में सात प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल नहीं कर पाएगी। आधिकारिक रूप से अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। सिंगापुर के बैंक डीबीएस ने रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सात प्रतिशत से कम यानी 6.8 प्रतिशत रहेगी। इससे पहले इसी महीने पेश आर्थिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
डीबीएस के अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि लगातार दूसरे वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार सात प्रतिशत से कम रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में वृद्धि दर नरम पड़ेगी और और दूसरी छमाही में आधार प्रभाव की वजह से बढ़ेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में लगातार तीन बार की गई कटौती के संदर्भ में रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे दूसरी छमाही में वृद्धि की रफ्तार तेज करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक 2019 में नीतिगत दरों में तीन बार में 0.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजकोषीय मजबूती पर ध्यान देने और मुद्रास्फीति निचले स्तर पर रहने की वजह से मौद्रिक नीति अधिक वृद्धि पर केंद्रित हो सकेगी।