नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त पड़ी, लेकिन चुनाव संबंधी राजनीतिक अनिश्चितता खत्म होने और आर्थिक सुधार होने से इसमें तेजी आ सकती है।
केंद्रीय बैंक की बदलती भूमिका पर दास ने कहा कि एक्सपोर्ट, इनवेस्टमेंट के साथ एग्रीकल्चर और मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में सुस्ती के चलते जीडीपी ग्रोथ कम हुई है। उन्होंने कहा, वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी छमाही में इनवेस्टमेंट और एक्सपोर्ट में सुस्ती के चलते आर्थिक विकास दर में गिरावट आई। सप्लाई साइड में एग्रीकल्चर और मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटीज में सुस्ती का सामना करना पड़ा गवर्नर ने कहा कि अब चुनाव संबंधी राजनीतिक अनिश्चितता खत्म हो गई है। उन्होंने कहा, इसलिए आर्थिक सुधार जारी रहने से इकनॉमिक रिकवरी होने की उम्मीद है। इस महीने वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी ग्रोथ के अस्थायी डेटा आए थे। इनमें बताया गया कि मार्च 2019 तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.8 पर्सेंट रही, जो पिछली 20 तिमाहियों में सबसे कम थी।
इससे पिछली यानी अक्टूबर-दिसंबर 2018 तिमाही में ग्रोथ 6.6 पर्सेंट और साल भर पहले की मार्च तिमाही में 8.1 पर्सेंट थी। मार्च तिमाही में बेहद कमजोर ग्रोथ की वजह से वित्त वर्ष 2019 की आर्थिक विकास दर 6.8 पर्सेंट के साथ पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी।
