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नई दिल्ली। सरकार कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए जैव-ईंधन उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। इसके मद्देनजर जैव ईंधन उत्पादन के लिए जनजातीय समूहों को अखाद्य तेल बीज एकत्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। गडकरी ने कहा कि देश कच्चे तेल के आयात पर 8 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। इसलिए आदिवासी समुदायों से जैव-ईंधन उत्पादन के लिए अखाद्य बीज जैसे ‘रतनजोत, साल और मोहन’ बीजों को एकत्रित करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि जैव-ईंधन भारत के भारी-भरकम विमान ईंधन आयात को भी कम कर सका तो हम नवोन्मेष और तकनीक के माध्यम से 30,000 करोड़ रुपए बचा सकते हैं। यह देश की आर्थिक सेहत के लिए बड़ा योगदान होगा।