नई दिल्ली-घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपने आर्थिक विकास के अनुमान को घटा दिया है। एजेंसी ने वित्त वर्ष 2018 के 7.4 फीसद से अनुमान को कम कर अब 7 फीसद कर दिया है। एजेंसी का मानना है कि एक जुलाई से देशभर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू होने से देश की अर्थव्यवस्था पर आने वाली तिमाहियों में भी असर देखने को मिलेगा।
जून में समाप्त तिमाही में देश की जीडीपी घटकर 5.7 फीसद के स्तर पर आ गई है। यह बीते तीन वर्षों का निम्नतम स्तर है। इसके बाद भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के मामले में चीन से पिछड़ गया है। क्रिसिल का मानना है कि आने वाले वर्षों में कुछ और विपरीत परिस्थितियां देखने को मिल सकती है। यह जीएसटी के लागू होने के बाद टैक्स संबंधी बाधाएं हो सकती है, हालांकि देश की अर्थव्यवस्था बीते वर्ष लागू हुए नोटबंदी के प्रभाव से उबरने की कोशिश कर रही है। क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा, हमने अपने जीडीपी अनुमान को वित्त वर्ष 2018 के 7.4 फीसद से घटाकर सात फीसद कर दिया है।
हमारा मानना है कि जीएसटी संबंधित बाधाएं आने वाली कुछ तिमाहियों तक आर्थिक विकास को बढऩे से रोकेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि मौजदा टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव की संभावनाओं को लेकर कुछ अनिश्चिताएं हैं और बिजनेस जीएसटी व्यवस्था में खुद को ढालने का प्रयास कर रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष की अगली तीन तिमाहियों में देश की जीडीपी का अनुमान 7.4 फीसद रह सकता है, यह तमाम विश्लेषकों के सात फीसद के अनुमान से ज्यादा है।
क्रिसिल ने इस बात के लिए भी चेताया है कि चालू वित्त वर्ष में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ बीते वित्त वर्ष के 7.9 फीसद से घटकर 7.6 फीसद रह सकती है। हालांकि, कृषि विकास की बढऩे की उम्मीद है।
