नई दिल्ली। दलहनों में एक साथ आई तेजी के बाद ग्राहकी कमजोर होने से आज मंदे का करेक्शन आया है। मंूग में भी 100/150 रुपए निकल गये, लेकिन चौतरफा फसल की स्थिति को देखते हुए यह करेक्शन तेजी पकने वाली लग रही है। अत: इससे घबराने की जरूरत नहीं है। खरीद करना लाभदायक रहेगा।
उत्तर भारत में 24 घंटे के अंतराल कहीं थोड़ी, कहीं अधिक बरसात हो रही है। इसकी वजह से मूंग में लोकल व चालानी मांग आज कमजोर होने से 100/150 रुपए प्रति क्विंटल का मंदा आ गया है। बाजार में चर्चा है कि राजस्थान में सरकार 4650 रुपए के भाव में अपने माल की बिक्री हेतु टेंडर दिया है। लेकिन इसके कंडीशन के आधार पर देसी माल की अपेक्षा मिल पहुंच में पड़ते कम लगने की संभावना है। केवल दहशत के चलते बाजार में मंदडिय़े माल झटकने के लिए हवा फैला दिये हैं, जबकि धरातल से सोचा जाये तो यूपी, बिहार की फसल समाप्ति की ओर है। राजस्थान में बिजाई कम होने के साथ-साथ प्रति हेक्टेयर उत्पादकता भी कम बैठ रही है। मेड़ता लाइन में नये माल के भाव 4800/4850 रुपए चल रहे हैं। उन माल के भाव यहां भी 4850/4900 रुपए बोल रहे हैं, जिससे वहां से माल आने का पड़ता नहीं है। महाराष्टï्र के अकोला, खामगांव, परभनी लाइन के माल जलगांव की बड़ी दाल मिलें खरीद रही हैं। विदेशी माल का कहीं से कोई पड़ता नहंी है। इन परिस्थितियों को देखकर ज्यादा मंदे वाली बात दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही है। दिल्ली सहित एनसीआर के गोदामों व दाल मिलों को मिलाकर मुश्किल से 25-30 हजार बोरी स्टॉक में होगा। शेखावटी, किशनगढ़ का माल 10-15 दिन बाद आयेगा। इसके बाद और कहीं की फसल आने वाली नहीं है। अत: वर्तमान में रांची की मंूग यहां 5400/5450 रुपए एवं यूपी की मंूग क्वालिटीनुसार 5100/5200 रुपए बिक रही है। इन भावों में मंूग के व्यापार में कोई रिस्क नहीं लग रहा है। कारोबारी थोड़ा दहशत में हैं, क्योंकि पिछले दो वर्षों का स्टॉक कुछ कारोबारियों के गले में ऊंचे भाव के फंसे हुए हैं, जिससे थोड़ा मंदा आते ही घबराहट हो जाती है। एनएनएस
