नई दिल्ली। चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियां ओपो और वीवोअपना क्लाउड सर्विस लोकेशन भारत में शिफ्ट करने की तैयारी में हैं। भारत सरकार ने इन कंपनियों को अपना कन्ज्यूमर डेटा सिक्यॉरिटी प्रोटोकॉल साझा करने को कहा था। इसके बाद कंपनियों ने ऐप डिवेलपर्स के साथ अपनी डिवाइसेज पर ऐप की प्री-लोडिंग संबंधी बातचीत खत्म कर दी थी।इस इंडस्ट्री के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स के मुताबिक, कुछ डमेस्टिक डिवाइस वेंडर्स यूजर डेटा की सुरक्षा के लिए प्री-लोडेड ऐप डिवेलपर्स से सिक्यॉरिटी फीचर्स को लेकर चीजें साफ करने को कह रहे हैं। आईटी मिनिस्ट्री ने हाल में 30 स्मार्टफोन कंपनियों से 28 अगस्त तक अपना इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी प्रोटोकॉल साझा करने को कहा था। इनमें से ज्यादातर चाइनीज कंपनियां हैं।
एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने बताया, ओपो और वीवो का क्लाउड भारत के बाहर है, जिसे आमतौर पर एंटरप्राइज क्लाउड सर्विस और ऐमजॉन जैसे डेटा सर्विस प्रवाइडर्स को आउटसोर्स कर दिया जाता है। वे अब कंपनियों को इन क्लाउड्स को भारतीय क्षेत्र में ट्रांसफर करने को कह रही हैं। ऐमजॉन वेब सर्विसेज और माइक्रोसॉफ्ट अज्योर अहम क्लाउड और सर्वर प्रवाइडर्स हैं और दोनों की मौजूदगी भारत में है। कंपनियों ने इस बारे में सवाल का जवाब नहीं दिया कि चाइनीज, मल्टीनेशनल और भारतीय हैंडसेट कंपनियों ने अपने रिमोट डेटा-स्टोरेज लोकशंस को शिफ्ट किए जाने को लेकर चर्चा की है या नहीं।
वीवो और ओपो ने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया। ये दोनों कंपनियां भारत में मार्केट शेयर के लिहाज से क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर हैं।
भारत में एंट्री करने वाली अपेक्षाकृत एक नई चाइनीज कंपनी ने सरकारी आदेश के बाद ऐप डिवेलपर्स से बातचीत रोक दी है। इसके सीईओ ने बताया कि कंपनी के सर्वर और क्लाउड स्टोरेज लोकल हैं और यह ऐप डिवेलपर्स से किसी भी तरह का समझौता करने से पहले सरकारी नियमों का पालन करना चाहती है।देश में सर्वर रखने वाले एक अहम भारतीय हैंडसेट ब्रैंड ने ऐप डिवेलपर्स से अपना यूजर इन्फर्मेशन प्रोटेक्शन प्रोटोकॉल साझा करने को कहा है।
साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स ने बताया कि क्लाउड सर्विस को भारत में शिफ्ट करना उस दिशा में पहला कदम होगा, जो कंपनियां सरकार के उस लॉन्ग टर्म नजरिए के तहत उठाएंगी, जिसके तहत मोबाइल फोन यूजर्स का डेटा देश के भीतर रखने की बात है। अर्न्स्ट ऐंड यंग में साइबर फरेंसिक्स ऐंड डेटा ऐनालिटिक्स में पार्टनर अमित जाजू ने बताया, अगर कंपनियां अपना क्लाउड आधारित डेटा भारत ला रहीं हैं, तो यह अच्छा है। हालांकि, इससे भी अहम पहलू इस चीज को देखना है कि क्या डेटा प्रोसेसिंग, ऐनालिटिक्स किसी भी दौर में भारत से बाहर जाएंगा या नहीं
वीवो और ओपो ने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया। ये दोनों कंपनियां भारत में मार्केट शेयर के लिहाज से क्रमश:तीसरे और चौथे नंबर पर हैं। भारत में एंट्री करने वाली अपेक्षाकृत एक नई चाइनीज कंपनी ने सरकारी आदेश के बाद ऐप डिवेलपर्स से बातचीत रोक दी है। इसके सीईओ ने बताया कि कंपनी के सर्वर और क्लाउड स्टोरेज लोकल हैं और यह ऐप डिवेलपर्स से किसी भी तरह का समझौता करने से पहले सरकारी नियमों का पालन करना चाहती है। देश में सर्वर रखने वाले एक अहम भारतीय हैंडसेट ब्रैंड ने ऐप डिवेलपर्स से अपना यूजर इन्फर्मेशन प्रोटेक्शन प्रोटोकॉल साझा करने को कहा है। कंपनी के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, हमने उसने आंतरिक तौर पर यह पूछा है, ताकि हम सरकार को बता सकें।
साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स ने बताया कि क्लाउड सर्विस को भारत में शिफ्ट करना उस दिशा में पहला कदम होगा, जो कंपनियां सरकार के उस लॉन्ग टर्म नजरिए के तहत उठाएंगी, जिसके तहत मोबाइल फोन यूजर्स का डेटा देश के भीतर रखने की बात है। अर्नस्ट ऐंड यंग में साइबर फरेंसिक्स ऐंड डेटा ऐनालिटिक्स में पार्टनर अमित जाजू ने बताया, अगर कंपनियां अपना क्लाउड आधारित डेटा भारत ला रहीं हैं, तो यह अच्छा है। हालांकि, इससे भी अहम पहलू इस चीज को देखना है कि क्या डेटा प्रोसेसिंग, ऐनालिटिक्स किसी भी दौर में भारत से बाहर जाएंगा या नहीं।
भारत में क्लाउड स्टोरेज सर्विस शिफ्ट करेंगी ओपो और वीवो
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