मुंबई। भारतीय कपास संघ (सीएआई) ने 2018-19 के कपास सत्र में कपास उत्पादन का अनुमान छह लाख गांठ (एक गांठ 170 किलोग्राम) घटाकर 315 लाख गांठ कर दिया। अप्रैल के अपने अनुमान में सीएआई ने कहा है कि कुछ प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बारिश कम रहने से कपास का उत्पादन घटेगा। सीएआई ने बयान में कहा कि पिछले कपास सत्र में उत्पादन 365 लाख गांठ रहा था। कपास का सत्र अक्टूबर से सितंबर तक होता है। सीएआई ने कहा कि उत्पादन अनुमान कम करने की प्रमुख वजह यह है कि कुछ राज्यों में पानी की कमी रही है। इसके अलावा किसानों ने 70 से 80 प्रतिशत क्षेत्र में तीसरी और चौथी फसल का इंतजार किए बिना कपास के पौधे निकाल दिए।
सीएआई ने अपने पिछले अनुमान की तुलना में महाराष्ट्र में उत्पादन अनुमान दो लाख गांठ घटा दिया है। वहीं मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए उत्पादन अनुमान एक-एक लाख गांठ घटाया गया है। संघ ने कहा कि अक्टूबर, 2018 से अप्रैल, 2019 के दौरान कपास की कुल आपूर्ति 314 लाख गांठ रही है।
इसमें 30 अप्रैल तक 278.73 लाख गांठ आपूर्ति के अलावा 7.27 लाख गांठ का आयात तथा एक अक्टूबर, 2018 को सत्र की शुरुआत के मौके पर पिछला बचा 28 लाख गांठ का स्टॉक शामिल है। सीएआई ने इसके साथ ही अक्ट्रबर 2018 से अप्रैल 2019 के बीच कपास की कुल खपत 183.75 लाख गांठ रहने का अनुमान व्यक्त किया है। कपास सत्र की समाप्ति 30 सितंबर 2019 तक कपास की आपूर्ति 374 लाख गांठ रहने का अनुमान है। इसमें 28 लाख गांठ का भंडार सत्र की शुरुआत में मौजूद था। कपास फसल का 315 लाख गांठ का अनुमान और सत्र के दौरान 31 लाख गांठ आयात का अनुमान इसमें शामिल है। चालू कपास सत्र की समाप्ति पर बकाया स्टाक 13 लाख गांठ रहने का अनुमान व्यक्ति किया गया है।