Monday, February 17, 2025 |
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तेज उतार-चढ़ाव के दौर में ग्वार किसानों का जोखिम कम हो सकता है ‘काल-पुटÓ ऑप्शन से
धैर्यवर्धन सिंह राजावत
बिजनेस रेमेडीज/जयपुर। राजस्थान ग्वार का प्रमुख उत्पादक राज्य है। इसकी कीमत में आने वाले तेज उतार-चढ़ाव से बचाव के लिए किसानों को आधुनिक वित्तीय विकल्पों का इस्तेमाल करना चाहिए। वर्तमान में एनसीडीएक्स द्वारा उपलब्ध ‘काल-पुटÓ ऑप्शन से किसान कम लागत में अपनी जोखिम को कम कर सकते हैं।
राजस्थान में ग्वार की कृषि: राजस्थान और गुजरात के कम वर्षा और अल्पसिंचित वाले क्षेत्रों के लिए ग्वार की फसल आदर्श साबित होती है। ग्वार की कीमतों में गिरावट के चलते इस बार यह माना जा रहा था कि किसान कपास, अरंडी या तो दलहन की फसल को प्राथमिकता देगें लेकिन जैसे ही ग्वार के भाव ३८०० रुपये प्रति क्विंटल के उपर गये तो किसानों का रुझान फिर से ग्वार की ओर हो गया। गौरतलब है कि गत वर्ष की समान अवधि में राजस्थान और गुजरात में ग्वार की २५.५० लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई हुई थी। जबकि इस वर्ष अब तक २६.७५ लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में ग्वार की बुवाई हो चुकी है। उल्लेखनीय है की फसल मंडियों में आने पर किसान को अच्छे भाव नहीं मिलते हैं, ऐसे में आगामी समय में ग्वार के भावों में गिरावट या बड़ी तेजी आने की स्थिति में किसानों को जोखिम कम करने की रणनीति के तहत ‘काल-पुटÓ ऑप्शन को समझना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार ग्वार की किसानों की लागत प्रति क्विंटल २००० से २२०० रुपये पड़ती है।
ऐसे में समझें किसान
‘काल-पुटÓ ऑप्शन की गणित
वर्तमान में ग्वार का १६ अक्टूम्बर एक्सपायरी वाला वायदा करीब ४३६८ रुपये प्रति क्ंिवटल और २० नवम्बर एक्सपायरी वाला ग्वार वायदा करीब ४४०२ रुपये प्रति क्ंिवटल चल रहा है। इसका लॉट साईज १० मिट्रिक टन का है। अगर किसान यह सोचता है कि फसल आने पर मुझे कम से कम ४४०० रुपये का भाव मिलना चाहिए जो कि मेरी लागत और खर्चें के मुताबिक वाजिब है तो उसे यहां पर पुट ऑप्शन लेना चाहिए। इसके लिए किसान को लगभग १० हजार की राशि प्रीमियम के रूप में देनी होगी और इससे ग्वार के भाव की डाउन रिस्क कवर हो जायेगी।
अगर मान लें कि पुट ऑप्शन के लिए किसान ने १०० रुपये का प्रीमियम दिया तो अगर भाव अक्टूम्बर एक्सपायरी पर ४००० रुपये हो जाते हैं। तो ग्वार किसान को ४४०० में से १०० रुपये प्रीमियम और वर्तमान भाव ४००० रुपये घटाने पर ३०० रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से ३० हजार रुपये मिल जायेंगे। वहीं अगर भाव अप्रत्यक्ष रूप से बढ़कर ५००० रुपये प्रति क्ंिवटल हो जाते हैं, तो इस पर किसान की लागत १०० रुपये लगेगी और किसान हाजिर बाजार में ग्वार को बेच सकता है। अगर ग्वार ५००० रुपये प्रति क्ंिवटल के भाव से बिकती है तो किसान को ४४०० रुपये और १०० रुपये की प्रीमियम लागत के हिसाब से ५००० में ४५०० रुपये घटाने पर ५०० रुपये प्रति क्ंिवटल का फायदा होगा।
यह रणनीति ग्वार के भावों में तेज गिरावट और तेजी के दौर में काम आती है। गौरतलब है कि जब भी किसानों की आवक बाजार में आती है तो मांग-आपूर्ति में अंतर के चलते किसी कमोडिटी के भावों इस प्रकार की तेजी और मंदी अवश्य आती है। ऐसे में किसान न्यूनतम राशि खर्च कर अधिकत्तम फायदा हासिल कर सकते हैं। इसके लिए किसान को एनसीडीएक्स ब्रोकर के यहां अपना ट्रैडिंग खाता खुलवाना होगा।

लोन, इंश्योरेंस और म्युचुअल फंड यूनिट्स देने के लिए थर्ड पार्टी कंपनियों से करार करेगा इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक
नई दिल्ली । अब वो जमाने लद गए जब पोस्ट ऑफिस में सिर्फ रसीदी टिकट, रेवेन्यू स्टॉम्प, अंतर्देशी, स्पीड पोस्ट, मनी ऑर्डर और रेकरिंग डिपॉजिट की ही सुविधा मिला करती थी। जी हां, अब ये (इंडिया पोस्ट) ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंकÓ की भी शक्ल ले चुका है जहां आपको लोन, इंश्योरेंस और म्युचुअल फंड की यूनिट्स भी खरीदने को मिलेंगी।
इंडिया पोस्ट अब बैंक एवं अन्य वित्तीय कंपनियों के साथ करार करेगा ताकि वो अपने ग्राहकों को लोन, म्युचुअल फंड यूनिट्स और इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध करवाने जैसी सेवाएं दे पाए। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक अब थर्ड पार्टी के जरिए अपने ग्राहकों को लोन, म्युचुअल फंड यूनिट और इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा। यह लोन समेत पंजाब नेशनल बैंक के कुछ उत्पादों की बिक्री करेगा। इसने इंश्योरेंस के लिए बजाज आलियांज के साथ करार किया है और ये कुछ अन्य पार्टनर की तलाश में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अगस्त को देश भर में फैली 650 शाखाओं के साथ इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आइपीपीबी) लांच करेंगे। यह देश का सबसे बड़ा बैंकिंग नेटवर्क होगा। आइपीपीबी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर ग्राहकों को कर्ज देने के अलावा म्युचुअल फंड तथा इंश्योरेंस पॉलिसियां बेचने का काम करेगा।
संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने बताया कि आइपीपीबी से देश के सभी 1.55 लाख डाकघरों को इस वर्ष के अंत तक इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक से जोड़ दिया जाएगा। ग्रामीण इलाकों में तकरीबन 1.30 डाकघरों के जरिये आइपीपीबी की सेवाएं पहुंचेंगी। अभी ग्रामीण इलाकों में केवल 49 हजार बैंक शाखाएं हैं। साथ ही पोस्टमैन डाक बांटने के अलावा बैंकर की भूमिका में भी नजर जाएंगे। फिलहाल रायपुर और रांची में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आइपीपीबी की शाखाएं काम कर रही हैं।

डाकिया बनेगा पोस्टपर्सन, संसदीय समिति ने नाम बदलने का दिया सुझाव
नई दिल्ली। सरकार पोस्टमैन (डाकिया) को नया नाम ‘पोस्टपर्सनÓ देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति ने नाम परिवर्तन के बारे में यह सुझाव दिया है। डाक विभाग ने समिति को अपने जवाब में कहा है कि पोस्टमैन को पोस्टपर्सन का नाम देने का प्रस्ताव विचाराधीन है।ÓÓ विभाग ने यह भी कहा है कि सामान्य रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द ‘डाकियाÓ लिंग-निर्पेक्ष है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अगुवाई वाली सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने डाक विभाग से पोस्टमैन को पोस्टपर्सन का नाम देने की सिफारिश की है। विभाग की अनुदान मांगों पर अपनी रिपोर्ट में समिति ने डाक विभाग में लोगों तक उनकी डाक पहुंचाने वालों वालों की नामावली बनाने की जरूरत है।
रिजर्व बैंक सरकार को देगी
50 हजार करोड़ रुपये का लाभांश
मुंबई। रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने 30 जून 2018 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार को 50 हजार करोड़ रुपये का लाभांश देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय रिजर्व बैंक बोर्ड की बैठक में लिया गया। रिजर्व बैंक का यह फैसला भारत सरकार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाला साबित हो सकता है। केंद्रीय बैंक नेकहा, ”रिजर्व बैंक के निदेशकों के केंद्रीय बोर्ड ने आठ अगस्त 2018 को हुई बैठक में सरकार को 30 जून 2018 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित करने को मंजूरी दी है।ÓÓ रिजर्व बैंक जुलाई से जून वित्तवर्ष का अनुपालन करता है। पिछले वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक ने सरकार को 30,659 करोड़ रुपये का लाभांश दिया था जो कि उससे पिछले साल के दिये गये लाभांश के मुकाबले आधे से भी कम था। इससे पहले इस साल मार्च में उसने सरकार को 2017-18 वित्त वर्ष के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश दिया था।

निश्चित अवधि सौदे के तहत अमेरिका से पहली बार तेल आयात करेगी आईओसी
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन आयल कारपोरेशन (आईओसी) ने पहली बार अमेरिका से एक निश्चित अवधि के लिये कच्चे तेल की खरीद को लेकर समझौता किया है। कंपनी के अधिकारी ने यह कहा है। कंपनी ने कुछ महीने पहले ही अमेरिका से पहली बार तेल का आयात किया। आईओसी ने नवंबर 2018 से जनवरी 2019 के दौरान एकल निविदा के तहत 60 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद को लेकर अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं।
फिलहाल कंपनी के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य कंपनियां हाजिर या मौजूदा निविदा आधार पर कच्चे तेल की खरीद करती हैं। इसमें एक जलपोत में तेल लेना भी शामिल हैं। वे निश्चित समयावधि या स्थिर मात्रा के लिये समझौता नहीं करती क्योंकि सरकार की नीति उन्हें निजी विदेशी कंपनियों से इस प्रकार के अनुबंध की अनुमति नहीं देती। आईओसी तथा भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन ज्यादातर पश्चिम एशियाई देशों के साथ सालाना आधार पर आयात को लेकर राष्ट्रीय तेल कंपनियों के साथ समझौता करती हैं।
अधिकारी के अनुसार आईओसी ने एक जहाज के बजाए अमेरिका से तीन तेल लदे जहाज के सौदे को लेकर निविदा जारी की थी। समझौते के तहत कंपनी को अमेरिका से नवंबर, दिसंबर और जनवरी में एक-एक बड़े जहाज से लदा तेल मिलेगा। इस सौदे को मिलाकर कंपनी की अमेरिका से कच्चे तेल की खरीद अप्रैल से अब तक 1.6 करोड़ बैरल पहुंच गयी है। भारत ने अमेरिका से पिछले साल अक्टूबर में पहली बार कच्चे तेल का आयात किया। उसके बाद से तेल कंपनियां निविदा आधार पर वहां से तेल खरीद रही हैं।

सुरेश प्रभु ने दिया सुझाव
उत्पाद विविधीकरण
करें निर्यातक
नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने निर्यातकों को अपनी उत्पाद सूची का विविधीकरण करने को कहा और सुझाव दिया कि उन्हें अफ्रीका और लातिनी अमेरिका के बाजारों में अपनी पैठ बढ़ानी चाहिए। प्रभु ने कहा कि निर्यात संवर्धन की एक वृहद रणनीति बनाई जा रही है। निर्यातकों के लिए मोबाइल एप का शुभारंभ करते हुए मंत्री प्रभु ने कहा कि हमने अपने निर्यात का विविधीकरण करना चाहिए और साथ ही सेवाओं के निर्यात पर भी ध्यान देना चाहिए। प्रभु ने बताया कि उनके मंत्रालय ने कृषि निर्यात बढ़ाने को नीति तैयार की है, जिसपर जल्द मंत्रिमंडल की मंजूरी ली जाएगी। वित्त वर्ष 2017-18 में भारत का वस्तुओं का निर्यात बढ़कर 303.38 अरब डॉलर हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 275.85 अरब डॉलर था। बीते वित्त वर्ष में सेवाओं का निर्यात बढ़कर 195 अरब डॉलर हो गया, जो 2016-17 में 164.2 अरब डॉलर था। प्रभु ने मोबाइल एप ‘निर्यात मित्रÓ का शुभारंभ किया। इस एप को निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो ने विकसित किया है।
अगले माह 4 नए

मार्गों पर उड़ान शुरू करेगी इंडिगो
नई दिल्ली। यात्रियों की संख्या के लिहाज से देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो ने 4 नए रूटों पर सेवाएं शुरू करने तथा कई अन्य मार्गों पर उड़ानों की संख्या बढ़ाने की घोषणा की है। एयरलाइन ने बताया कि वह 1 सितम्बर से कुल 24 नई उड़ानें शुरू कर रही है जिसमें अहमदाबाद-भुवनेश्वर, अहमदाबाद-वाराणसी, हैदराबाद-पटना और कोलकाता सूरत मार्गों पर वह पहली बार सेवा शुरू करेगी। इनके अलावा अगरतला-गुवाहाटी, हैदराबाद- गुवाहाटी और कोलकाता-नागपुर मार्गों पर दैनिक उड़ानों की संख्या एक से बढ़ाकर दो की जाएगी। अहमदाबाद-कोलकाता, अहमदाबाद-जयपुर और हैदराबाद-रायपुर मार्गों पर तीसरी, हैदराबाद-भुवनेश्वर मार्ग पर चौथी और अहमदाबाद-हैदराबाद मार्ग पर वह 5वीं उड़ान शुरू करेगी। हैदराबाद-कोलकाता के बीच 7वीं उड़ान शुरू की जाएगी।



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