नई दिल्ली- सरकार द्वारा तुवर के आयात पर रोक लगा दिये जाने से आयातक व स्टॉकिस्ट माल बेचने से पीछे हटने लगे हैं। वहीं दाल मिलों की लिवाली से बाजार फिर से सुधरने लगेे हैं तथा जल्दी इसमें 300/400 रुपए की और तेजी लग रही है। हालांकि सरकारी-गैर सरकारी गोदामों मेें दोनों में तुवर का स्टॉक भारी मात्रा मेें होने से कारोबारियों को भारी नुकसान लग गया। इसे देखकर सरकार द्वारा चालू माह के दूसरे सप्ताह में ही दलहन व्यापार को सुधारने के लिए आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिससे ठीक दूसरे सप्ताह में ही इसमें भारी तेजी आ गयी। फलत: देश केे कारोबारियों को राहत की सांस मिल गयी। एक अगस्त को जो लैमन तुवर यहां 3650 रुपए बिकी थी, नीचे में एक दिन 3300 रुपए तक व्यापार हो गया, लेकिन उसके बाद सरकार द्वारा आयात बंद करने का एलान करते ही यह उछलकर स्वतंत्रता दिवस से पूर्व संध्या पर ही ऊपर मेें 4750 रुपए एवं मुंबई में 4600 रुपए बिक गयी। उक्त अवधि के अंतराल पक्के मालों में इस अनुपात में तेजी नहीं आ पाई। फलत: दाल मिलों की मांग ठण्डी पडऩे से स्टॉकिस्ट मुनाफावसूली बिकवाली में आ गये जिससे बाजार ऊपर वाले भाव से घटकर 4400 रुपए पर आ गया है। नीचे में कल 4200 भी बन गया था। मुंबई में भी 4200 रुपए बोलने लगे हैं। केन्द्रीय पूल में तुवर का स्टॉक अधिक पड़ा है, लेकिन लैमन तुवर का आयात बंद हो जाने से लोडिंग नहीं हो पाएगी। नई फसल आने में अभी साढ़े तीन महीने का समय बाकी है। इसे देखते हुए वर्तमान भाव पर तुवर के व्यापार में कोई रिस्क नहीं लग रहा है तथा 4400 की तुवर एक बार फिर 4800 रुपए बनने के बाद ही रुकेेगी। (एनएनएस)
