भोपाल/एजेंसी। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने बिल्डरों को ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स का प्रचार (पब्लिसिटी) करने से रोक दिया है। रेरा में पंजीयन होने के बाद ही प्रचार की अनुमति दी जाएगी। रेरा में अब तक 12 प्रोजेक्ट्स ही पंजीकृत हुए हैं। इनमें भोपाल, होशंगाबाद और रायसेन के एक-एक प्रोजेक्ट हैं। जबकि, ग्वालियर के 5 व इंदौर के 2 प्रोजेक्ट ही शामिल हुए हैं। इधर, बिल्डरों का कहना है कि विज्ञापन नहीं कर पाने से उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है। विभागीय सूत्रों का दावा है कि प्रदेश भर से मिले सभी प्रोजेक्ट्स का बारीकी से परीक्षण किया जा रहा है। रेरा में बिना पंजीयन के ऑनगोइंग प्रोजेक्ट अवैध ही माना जाएगा। इसलिए पंजीयन नंबर मिलने तक प्रोजेक्ट का विज्ञापन नहीं किया जा सकता।
रेरा के अधिकारियों का कहना है कि हमने किसी भी प्रापर्टी की रजिस्ट्री पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन ऑनगोइंग प्रोजेक्ट्स के मामले में पंजीयन नंबर हासिल किए बिना किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन अवैध घोषित किया गया है। इसलिए ऐसे मामलों में अब भी रजिस्ट्रियां नहीं हो पा रहीं। बिल्डरों का कहना है कि पंजीयन के लिए जिन लोगों के आवेदन रेरा में 31 जुलाई तक जमा हो चुके हैं, उन्हें अपने प्रोजेक्ट की पब्लिसिटी से नहीं रोका जाना चाहिए। इससे उनका व्यवसाय प्रभावित होने लगा है। वहीं पंजीयन आवेदन जमा करने के लिए तीन महीने की अवधि बीतने के बाद अभी तक भोपाल से केवल ‘शिवलोक ग्रीन्सÓ ऑनगोइंग प्रोजेक्ट को ही हरी झंडी मिली है। खजूरी में बन रहे इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 300 मकान बन रहे हैं। इनमें 20 से लेकर 38 लाख रुपए तक कीमत के मकान भी हैं।
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