नई दिल्ली। बैंक ऑफ बड़ौदा देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है। इसमें देना बैंक और विजया बैंक का विलय होने के बाद ऐसा हुआ। सितंबर 2018 के अंत तक तीनों बैंकों के बोड्र्स ने इस समेकन के लिए लिखित अनुमति दे दी थी और यह प्रक्रिया रिकॉर्ड समय में पूरी कर ली गई है। विलय के बाद अब देशभर में बैंक ऑफ बड़ौदा की 9,500 शाखाएं, 13,400 एटीएम और 85,000 से अधिक कर्मचारी होंगे। बैंक अब 12 करोड़ से अधिक ग्राहकों को अपनी सेवाएं देगा। विलय के बाद एकीकृत बैंक ने 15 लाख करोड़ रुपये की बैलेंस शीट के साथ काम करना शुरू किया है। बैंक के पास करीब 8.75 लाख करोड़ रुपये का जमा है। जबकि उसने 6.25 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया हुआ है। बैंक की योजना तीनों बैंकों की सम्मिलित क्षमता, उनकी सहक्रियाओं को उपयोग में लाने की है और व्यापक ग्राहक आधार के साथ संबंध को गहरा बनाते हुए परिचालनों को बढ़ाने की है। महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश में पूरक शाखाओं का नेटवर्क बढ़ जायेगा। गुजरात में बैंक के पास 22 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी होगी, और महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में बाजार हिस्सेदारी 8 से 10 प्रतिशत के बीच होगी। तीनों बैंकों के सभी ग्राहकों को इस प्रक्रिया का लाभ मिलेगा। 120 मिलियन से अधिक ग्राहक बेहतरीन बैंकिंग सेवा का अनुभव ले सकेंगे और नकद प्रबंधन समाधान, आपूर्ति श्रृंखला वित्तपोषण, वित्तीय प्लानिंग, संपत्ति प्रबंधन सेवाओं आदि सहित व्यापक प्रोडक्ट रेंज का लाभ उठा सकेंगे। 22,000 से अधिक टच प्वॉइंट्स एवं वद्र्धित ग्राहक पहुंच के साथ, ये लाभ और भी अधिक बढ़ जायेंगे। तीनों बैंकों के एनआरआई ग्राहकों के लिए अब भारत में विशाल नेटवर्क उपलब्ध होगा।
