नई दिल्ली।शीतल पेय बनाने वाली अमेरिकी कंपनी कोकाकोला ने भारतीय उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाई है। कंपनी जूस पर बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। इतना हीं नहीं वह कोला समेत अपने सभी उत्पादों में चीनी की मात्रा कम करने और देसी कार्बोनेटेड ड्रिंक में भी हाथ आजमाने की योजना है।
दरअसल अभी कुछ माह पहले कोकाकोला इंडिया के अध्यक्ष बनाए गए टी कृष्णकुमार ने कहा कि कंपनी की योजना अगले 3 साल के दौरान जूस के कारोबार का व्यापक विस्तार कर इसे स्पार्कलिंग बेवरिजेज के बराबर पहुंचाने की है। फिलहाल कंपनी के स्पार्कलिंग बेवरिजेज देशभर की 26 लाख दुकानों में उपलब्ध हैं जबकि जूस केवल 10 लाख दुकानों पर।
बनाई यह रणनीति: कृष्णकुमार ने कहा कि 2020 तक वॉल्यूम के हिसाब से भारत को कोकाकोला का 5वां सबसे बड़ा बाजार बनाना चाहते हैं। इस समय भारत कंपनी के लिए दुनिया का छठा बड़ा बाजार है। पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान कंपनी को कमजोर प्रदर्शन, शीर्ष प्रबंधन के स्तर पर व्यापक बदलाव और जीएसटी से कर में बढ़ोतरी जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
कई कंपिनयों से चल रही बातचीत:उन्होंने कहा, हम इस बारे में 3 महीने में एक कार्यक्रम की घोषणा करेंगे। हमारा मकसद चीनी की मात्रा को वैश्विक मानकों के स्तर पर लाने की है। इसका एक तरीका स्टेविया का इस्तेमाल हो सकता है। यह एक प्राकृतिक मिठास है जिसे चीनी के साथ मिलाकर सॉफ्ट ड्रिंक में चीनी की मात्रा कम की जा सकती है।
छोटी दुकानों में मशीनों को लगाने की योजना: गौरतलब है कि कई साल पहले कंपनी ने इस ब्रांड को पारले से खरीदा था। लेकिन अब पूरे देश में इसे उतारने की तैयारी की जा रही है। तमिलनाडु में पोर्टेलो ब्रांड नाम से ब्लैक करेंट पेय की भी प्रयोग के तौर पर मार्केटिंग की जा रही है। कृष्णकुमार का कहना है कि कंपनी साथ ही कई अन्य देसी उत्पादों पर भी काम कर रही है।
उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए Coke खेलेगी बड़ा दांव
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