Sunday, October 13, 2024 |
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निकासी ठप्प होने से मखाने के भाव में तेजी

by admin@bremedies
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नई दिल्ली। मखाने के शुरुआती दौर में बिहार में आई भयंकर बाढ़ से मखाने की निकासी पूरी तरह ठप्प पड़ गयी है। कुछ क्षेत्रों में फसल बहने का भी खतरा हो गया है, जिससे दरभंगा, गुलाबबाग में किसी भी भाव में मखाना नहीं मिल रहा है, जिससे दिल्ली सहित उत्तर भारत की मंडियों में 40/50 रुपए का उछाल आ गया है।
मखाने की नई फसल रक्षाबंधन से पहले से आने लगी थी तथा व्यापारियों का अनुमान था कि श्रीकृष्ण जन्माष्टïमी के बाद नए माल की आवक बढऩे से इसमें मंदा आ जाएगा। जबकि वहां गत एक सप्ताह से रात-दिन बरसात होने एवं नेपाल की तरफ से सभी नदियों में पानी का दबाव बढ़ जाने से भयंकर बाढ़ मखाना उत्पादक क्षेत्रों में आ गयी है। केसरवानी ब्रदर्स के जितेन्द्र केसरवानी का कहना हैै कि इस समय बिहार में बूड़ी गंडक, बागमती, कोसी, कमला बालान, पुनपुन, सरजू, घाघरा सहित सभी नदियों का जलस्तर 60 से 80 सेंटीमीटर तक खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसमें सीतामढ़ी, पूर्णिया, दरभंगा, समस्तीपुर, खगडिय़ा, बेगुसराय, शिवहर, सुपौल, उत्तरदिनाजपुर आदि सभी क्षेत्रों में भयंकर बाढ़ आ जाने से मखाने की निकासी पिछले 10 दिनों से बंद हो गयी है जिससे किसी भी भाव में वहां मखाना नहीं बोल रहे हैं। यही कारण है कि दिल्ली सहित उत्तर भारत की मंडियों में 40 से 50 रुपए किलो की तेजी आ गयी है। जो मखाना यहां 360/370 रुपए नीचे में आ गया था, उसके भाव 410/420 रुपए यहां हो गये हैं तथा जो स्थिति उत्तरी बिहार में बनी हुई है, उसे देखते हुए अभी इसमें 50 रुपए की और तेजी आ सकती है। एक अन्य फर्म महालक्ष्मी टे्रडर्स, जयपुर के नरेश अग्रवाल के अनुसार बिहार में श्रीकृष्ण जन्माष्टïमी से पहले 205/210 रुपए किलो मखाना रह गया था, जो इस समय 240 रुपए में भी नहीं मिल रहा है। $गौरतलब है कि रक्षाबंधन से पहले जब नया माल आया था तो वहां 290 से घटकर 210 रुपए नीचे में बन गया था, उस समय व्यापारियों का अनुमान था कि यह 180 रुपए बन जाएगा लेकिन कुदरत की मार ने मखाने की निकासी वहां पूरी तरह बंद कर दी है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बाढ़ व बरसात दोनों का कहर जारी है, जिससेे जान-माल का खतरा बढ़ गया है। इस स्थिति में बाढ़ का पानी कम होने तक 50 रुपए की तेजी आ सकती है तथा पानी उतरने के बाद ही इसमें मंदा आएगा। वह भी मखाने की फसल को बाढ़ से कितना नुकसान होगा, उस पर आगे की तेजी-मंदी निर्भर करेगी।(एनएनएस)



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