नई दिल्ली। आंवले की आने वाली फसल एमपी-राजस्थान में बढिय़ा दिखाई दे रही है, लेकिन गोदामों में झाड़ू लग गयी है जिससे मंडियों में पड़े हुए माल, नई फसल से पहले 20/30 रुपए किलो और बढ़ सकते हैं। एमपी के शिवपुरी, कटनी, श्योपुर कला, विलासपुर, शहडौल, छतरपुर लाइन मेें आंवले का स्टॉक पूरी तरह समाप्त हो गया है। इसके अलावा राजस्थान के प्रतापगढ़, निम्बाहेड़ा लाइन में भी 90 फीसदी आंवला निबट चुका है। केवल 10 प्रतिशत माल काला व गुठली वाला वहां बचा है। उसके भाव एक्स गोडाऊन 122/123 रुपए बोलने लगे हैं। $गौरतलब है कि दिल्ली सहित उत्तर भारत की बड़ी मंडियों में आंवला सहित अन्य जड़ीबूटी फसल आने केे 6 महीने के अंतराल ही 80 प्रतिशत चला जाता है। गत वर्ष जुलाई-अगस्त में तेज आंधी व प्रतिकूल मौसम होने से आंवलेे की फसल 50 प्रतिशत कम हुई थी। यही कारण है कि इस बार आंवलेे के भाव दोगुना से भी ऊपर पहुंच गये हैं। इस समय स्थानीय मंडी में काला माल कुछ व्यापारियों के पास पड़ा है, जो 125/135 रुपए प्रति किलो बोल रहे हैं। लाल सुर्ख माल दूर-दूर तक गड़ौदिया मार्केट, कटरा तम्बाकू एवं ईश्वर भवन में दिखाई नहीं दे रहा है। किसी के पास दो-चार कट्टïे है भी तो 150 रुपए तक बोल रहे हैं। काला-पीला माल भी मंडी से समाप्त हो गया है तथा नया माल 20 सितम्बर के आसपास आएगा। उससे पहलेे शॉर्टेज के चलते 30 रुपए किलो बढ़ जाना कोई बड़ी बात नहीं है। एनएनएस
