नई दिल्ली/एजेंसी। जेपी इन्फ्राटेक के बाद अब आम्रपाली ग्रुप की तीन कंपनियों के खिलाफ इनसॉल्वंसी एंड बैंकरप्टसी कोड के तहत कॉर्पोरेट इनसॉल्वंसी रेजॉलुशन की प्रक्रिया शुरू होगी। बैंक ऑफ बड़ौदा की याचिका पर जिन तीन कंपनियों के खिलाफ एक्शन लिए जाने की तैयारी है, वो हैं- नोएडा की सिलिकन सिटी, ग्रेटर नोएडा की अल्ट्रा होम कंस्ट्रक्शन और आम्रपाली इन्फ्रास्ट्रक्चर है।
जानकारी के अनुसार नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) की प्रमुख बेंच ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है जिसका ऐलान वह कभी भी कर सकती है। 1,000 घर खरीदारों पर इस एक्शन का असर होगा। कंपनी के एक सूत्र का कहना है कि सिलिकन सिटी के घर खरीदारों को डिलिवरी देना आम्रपाली की प्राथमिकता है। सिलिकन सिटी में बैंक ऑफ बड़ौदा का मूलधन के रूप में 56 करोड़ रुपया बकाया है। इस कंपनी को ओबीसी और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी लोन दे रखा है। इन सारे बैंकों ने कंपनी को 300 करोड़ रुपया लोन दिया। कंपनी ने 305 करोड़ रुपया चुका दिया है, लेकिन अब भी उसे 156 करोड़ रुपया देना है। इसके अतिरिक्त सिलिकन सिटी पर नोएडा अथॉरिटी का भी 550 करोड़ रुपये बकाया है। साथ ही, जेपी मॉर्गन ने भी 150 करोड़ रुपये लोन दे रखा है। सिलिकन सिटी नोएडा सेक्टर 74-75 में अपना हाउजिंग प्रॉजेक्ट तैयार कर रही है। कंपनी ने 2,500 खरीददारों को पजेशन भी दे दिया है जबकि शेष 1,000 अपार्टमेंट्स में 500 के पजेशन दिसंबर 2017 तक दिए जाने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक, 500 अन्य अपार्टमेंट्स का निर्माण तेजी से हो रहा है। वहीं अल्ट्रा होम्स पर बैंक ऑफ बड़ौदा का 30 करोड़ रुपये बकाया है। इस प्रॉजेक्ट में कंपनी होटल, मॉल और आईटी कंपनियों के लिए कमर्शल स्पेश निर्मित किए जा रहे हैं। इस प्रॉजेक्ट के लिए कंपनी ने 300 करोड़ रुपये बैंक से लोन लिए। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने ब्याज सहित 400 करोड़ रुपये लौटा दिए, लेकिन उसे 117 करोड़ रुपये और देने हैं। अल्ट्रा होम पर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का भी 30 करोड़ रुपये कर्जा है। इधर, टेक पार्ट में कंपनी ने ग्रेटर नोएडा की 100 एकड़ जमीन पर प्री-फैब्रिकेशन फैक्ट्री बनाई है। इसके लिए कंपनी ने 200 करोड़ का कर्ज लिया था, लेकिन अब तक महज 25 करोड़ रुपये ही लौटाए गए हैं। इस पर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का भी 9 करोड़ रुपये बकाया है।
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