बिजनेस रेमेडीज/जयपुर। रिपोर्ट्स के अनुसार 2021 में भारतीय मेटल फोर्जिंग बाजार का आकार 3.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंका गया था। इस बाजार के 2022 में दर्ज 4.32 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर से बढक़र 2029 तक 8.80 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जो पूर्वानुमानित अवधि के दौरान 10.69त्न का सीएजीआर दिखाता है। कलकत्ता आधारित ‘एएमआईसी फोर्जिंग लिमिटेड’ प्रिसीजन मशीन कम्पोनेंट्स निर्माण करने वाली प्रमुख कंपनी है। कंपनी द्वारा बीएसई एसएमई प्लेटफार्म पर विनिर्माण इकाई की स्थापना, कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं व सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों की पूर्ति आईपीओ लाया जा रहा है। कंपनी का आईपीओ 29 नवंबर 2023 को खुलकर 1 दिसंबर 2023 को बंद होगा। इस लेख में कंपनी के निर्माण गतिविधियों के साथ इंडस्ट्री डायनामिक्स और फाइनेंशियल वैल्यूएशन जैसे विषयों पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है।
यह करती है कंपनी: कंपनी विभिन्न इंडस्ट्रियों के लिए प्रिसीजन मशीन कम्पोनेंट्स निर्माण करती है। कंपनी ग्राहक विनिर्देशों और एआईएसआई, बीएस, आईएस, डीआईएन आदि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रिसीजन मशीन कम्पोनेंट्स जैसे राउंड्स, शाफ्ट्स, ब्लैंक्स और पूर्ण रूप से तैयार इंजीनियरिंग स्पेयर पार्ट्स जैसे गियर कपलिंग, हब, राउंड, फ्लैंज और अन्य प्रकार के कई इंजीनियरिंग स्पेयर पार्ट का निर्माण कर रही है।
कंपनी हैवी इंजीनियरिंग, इस्पात उद्योग, तेल एवं गैस, पेट्रोकेमिकल्स, रिफाइनरियां, थर्मल पावर, परमाणु ऊर्जा, जल विद्युत, सीमेंट उद्योग, चीनी और अन्य संबंधित उद्योगों जैसे विभिन्न उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा कर रही है। ये उत्पाद मुख्य रूप से कार्बन स्टील, मिश्र धातु इस्पात, स्टेनलेस स्टील, निकल और टूल्स मिश्र धातुओं में निर्मित होते हैं।
एएमआईसी फोर्जिंग की विनिर्माण सुविधाओं में 6 एम/टन क्षमता वाले इलेक्ट्रो हाइड्रोलिक हैमर के साथ-साथ 1 एम/टन क्षमता वाले फेनूमैटिक हैमर के साथ एक फोर्जिंग इकाई है जो कि मैनिपुलेटर,3 ओवरहेड क्रेन, जिब क्रेन, 3 आयल फायर फर्नेस(तापमान नियंत्रित) और सभी आवश्यक एसेसरीज के माध्यम से चलती है।
कंपनी के पास एक हीट ट्रीटमेंट प्लांट है जिसमें एक आयल बोगी हर्थ स्वचालित रूप से नियंत्रित भट्टी है जिसमें चार-बिंदु रिकॉर्डिंग व्यवस्था और पानी और तेल शमन व्यवस्था के साथ तापमान ग्राफ संकेतक / रिकॉर्डर है। उपरोक्त के अलावा कंपनी के पास एक मशीन शॉप भी है जिसमें विनिर्माण प्रक्रिया के लिए आवश्यक कई मशीनें हैं।
इंडस्ट्री डायनॉमिक्स: रिपोर्ट्स के अनुसार 2021 में भारतीय मेटल फोर्जिंग बाजार का आकार 3.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंका गया था। इस बाजार के 2022 में दर्ज 4.32 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर से बढक़र 2029 तक 8.80 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जो पूर्वानुमानित अवधि के दौरान 10.69त्न का सीएजीआर दिखाता है। वैश्विक कोविड-19 महामारी अभूतपूर्व और चौंका देने वाली रही है, महामारी से पहले के स्तर की तुलना में भारत भर में धातु फोर्जिंग की मांग अनुमान से अधिक बढ़ गई है। एक विश्लेषण के आधार पर, भारत मेटल फोर्जिंग बाजार में 2019 की तुलना में 2020 में -23.32% की गिरावट देखी गई।
2022 में, एशिया-प्रशांत क्षेत्र ने राजस्व के मामले में मेटल फोर्जिंग बाजार हिस्सेदारी पर अपना दबदबा बनाया और पूर्वानुमान अवधि के दौरान अग्रणी स्थान हासिल करने का अनुमान है। इस वृद्धि का श्रेय क्षेत्र की व्यापक आर्थिक वृद्धि को दिया जाता है जो औद्योगिक क्षेत्र के विकास को गति दे रहा है। इसके अलावा, भारत, चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया की सरकारों ने अपने घरेलू उद्योगों को बढऩे में मदद के लिए विभिन्न अनुकूल दिशानिर्देश पेश किए हैं। इसके अलावा, क्षेत्र में जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण ने ऑटोमोटिव उद्योग के साथ-साथ कृषि मशीनरी विनिर्माण और रेलवे घटकों के विनिर्माण को भी अनुकूल बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, इन देशों में एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग में भी काफी वृद्धि देखी जा रही है। उदाहरण के लिए, नवंबर 2020 में, अमेरिका में एक प्रमुख विमान निर्माता, बोइंग का अनुमान है कि चीन की एयरलाइंस 1.4 ट्रिलियन डॉलर मूल्य के 8,600 नए विमान खरीदेगी, और अगले 20 वर्षों में सेवाओं के लिए लगभग 1.7 ट्रिलियन डॉलर खर्च करेगी। ऑटोमोटिव, एयरोस्पेस और रक्षा उद्योगों जैसे क्षेत्रों से फोर्ज्ड मेटल कॉम्पोनेंट की मांग में वृद्धि के परिणामस्वरूप धातु फोर्जिंग उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। इसके अलावा, औद्योगीकरण में वृद्धि से औद्योगिक मशीनरी की मांग बढ़ती है, जिसका धातु फोर्जिंग बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। फोर्जिंग उद्योग विनिर्माण उद्योग का एक अभिन्न अंग है। इस प्रकार, भारत, चीन, जर्मनी, अमेरिका, इटली, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे दुनिया भर के देशों में, जहां बड़े विनिर्माण उद्योग हैं, धातु फोर्जिंग बाजार में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। धातु फोर्जिंग उद्योग में मुख्य रूप से छोटे और मध्यम आकार के उद्यम (एसएमई) शामिल हैं। उक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि देश में फोर्जिंग इंडस्ट्री का भविष्य उज्जवल है और इस स्थिति का फायदा लंबे समय में एएमआईसी फोर्जिंग लिमिटेड को भी हासिल होगा।
फाइनेंशियल वैल्यूएशन: वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने 8.40 फीसदी से अधिक का कर पश्चात शुद्ध लाभ मार्जिन अर्जित किया है जो की काफी अच्छा कहा जा सकता है। वित्त वर्ष 2024 की जून तिमाही तक कंपनी की कुल असेट 63.67 करोड़ रुपए, नेटवर्थ 23.38 करोड़ रुपए,कुल कर्ज 2.87 करोड़ रुपए और रिजर्व एंड सरप्लस 22.52 करोड़ रुपए है। नेटवर्थ के मुकाबले कर्ज काफी कम है, जिससे स्पष्ट होता है कि कंपनी पर कर्ज ना के बराबर है। ईपीएस 12.83 रुपए के आधार पर कंपनी का आईपीओ 9.82 के पीई मल्टीपल पर आ रहा है। अंतिम घोषित अवधि में कंपनी का आरओई 71.25 फीसदी, आरओसीई 55.78 फीसदी और आरओएनडब्लू 49.40 फीसदी दर्ज किया गया है। जो की कंपनी द्वारा की गई काफी अच्छी कारोबारी वृद्धि को दर्शाता है। कंपनी का कर्ज इक्विटी रेश्यो 0.26 फीसदी है। कंपनी पर कम कर्ज होना भी अहम बात है क्योंकि फोर्जिंग इंडस्ट्री को कैपिटल इंटेंसिव इंडस्ट्री माना जाता है।
कंपनी के आईपीओ के संबंध में जानकारी: ‘एएमआईसी फोर्जिंग लिमिटेड’ का आईपीओ बीएसई एसएमई प्लेटफार्म पर 29 नवंबर को खुलकर 1 दिसंबर, 2023 को बंद होगा। कंपनी द्वारा 10 रुपए फेसवैल्यू के 27,62,000 शेयर बुक बिल्ट इश्यू प्रणाली से 121 से 126 रुपए प्रति शेयर के भाव पर जारी कर 34.80 करोड़ रुपए जुटाए जा रहे हैं। आईपीओ का मार्केट लॉट साइज 1000 शेयरों का है। आईपीओ का प्रबंधन प्रमुख लीड मैनेजर कंपनी ग्रेटेक्स कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
नोट: कंपनी के आईपीओ में निवेश करने से पूर्व निवेशकों को पंजीकृत निवेश सलाहकारों से सलाह लेनी चाहिए और यह लेख निवेश सलाह नहीं है।
2029 तक 10.69 फीसदी सीएजीआर दर से भारतीय मेटल फोर्जिंग बाजार का आकार 8.80 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान, इस क्षेत्र की उभरती हुई कंपनी ‘एएमआईसी फोर्जिंग लिमिटेड’ का आईपीओ खुलेगा 29 नवंबर को
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