Wednesday, March 19, 2025 |
Home » अमेजऩ इंडिया और गेम ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले, सहेली कार्यक्रम के तहत समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

अमेजऩ इंडिया और गेम ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले, सहेली कार्यक्रम के तहत समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

by Business Remedies
0 comments

बिजऩेस रेमेडीज/बैंगलोर
अमेजऩ इंडिया ने विशेष रूप से देश के टियर -2, टियर -3 शहरों और कस्बों में महिला उद्यमियों के डिजिटल विकास को बढ़ावा देने और सहयोग करने के लिए ‘ग्लोबल एलायंस फॉर मास एंट्रेप्रेन्योरशिप (गेम) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इस साझेदारी के जरिये अमेजऩ इंडिया का लक्ष्य है, लगभग 25,000 महिला उद्यमियों और कारीगरों को उनकी डिजिटल उद्यमशीलता यात्रा में मदद करना। गेम व्यावसायिक क्षमता निर्माण में इनपुट प्रदान कर रहा है, डिजिटल मार्केटिंग के कौशल अंतराल को पाट रहा है और उन्हें एकत्रित ब्रांडों के रूप में सामने लाने में मदद कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य है, ग्रामीण महिला उद्यमियों और कारीगरों के लिए प्लेटफॉर्म तक पहुंच बनाने और वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने में मदद करना और इसके तहत उन्हें डिजिटल परिदृश्य में आगे बढऩे के लिए आवश्यक समर्थन और संसाधन प्रदान करने में मदद मिलेगी।
अमेजऩ इंडिया और गेम के बीच एमओयू का उद्देश्य है, भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास में तेजी लाने और बनाए रखने के लिए व्यापक उद्यमशीलता का सह-विकास और सुविधा प्रदान करना। अमेजऩ कारीगर और सहेली बिना किसी वित्तीय निवेश के इस उद्यमिता में शामिल विक्रेताओं के लिए कार्यशाला/प्रशिक्षण, ऑनबोर्डिंग और एएम समर्थन की पेशकश करेगी। यह भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और उद्यमिता परितंत्र के भीतर साझेदारी के जरिये 2030 तक लाखों टिकाऊ रोजगार पैदा करने के प्रति अमेजऩ की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। इसके अलावा, महिला उद्यमियों को डिजिटल मार्केटिंग पहल, प्रदर्शन विपणन, उत्पाद सूची अनुकूलन और विज्ञापन तकनीकों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उन्हें डिजिटल बाजार में मौजूदा और भविष्य के रुझानों के अनुकूल बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त, उन्हें मूल्यवान डाटा-संचालित अंतर्दृष्टि तक पहुंच प्राप्त होगी और मेट्रिक्स को ग्राहक व्यवहार और बाजार के रुझान के बारे में बेहतर जानकारी मिलेगी।
अमेजऩ इंडिया में विक्रेता अधिग्रहण एवं विकास विभाग के प्रमुख गौरव भटनागर ने इस अवसर पर अपनी टिप्पणी में कहा कि देश भर में महिला उद्यमियों को अपना व्यवसाय तैयार करने और बढ़ाने के लिए ई-कॉमर्स की शक्ति का उपयोग करते हुए देखना वा?ई प्रेरणादायक है। नवोन्मेषी उत्पादों के जरिये, वे ग्राहकों की प्राथमिकताओं को पूरा कर रही हैं और स्केलेबल उद्यम स्थापित कर रही हैं जो सामाजिक कल्याण और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। हम अपने सहेली कार्यक्रम के माध्यम से उनकी उद्यमशीलता यात्रा में उत्प्रेरक बनने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हम दुनिया भर में ग्राहकों तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने के प्रति प्रतिबद्ध है ताकि इन महिलाओं को डिजिटल इंडिया के गतिशील परिदृश्य में अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने के लिहाज से सशक्त बनाया जा सके।
ग्लोबल एलायंस फॉर मास एंटरप्रेन्योरशिप (गेम) के अध्यक्ष, केतुल आचार्य ने इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “सहेली कार्यक्रम के लिए अमेजऩ के साथ साझेदारी कर हमें खुशी हो रही है। गेम का महिला आर्थिक सशक्तिकरण (डब्ल्यूईई) कार्यक्रम महिला उद्यमियों को अपनी आजीविका के अवसरों को बढ़ाकर और उन्हें विभिन्न प्लेटफार्मों और आर्थिक भागीदारों के साथ जोडक़र सक्षम बनाना चाहता है। इस साझेदारी के माध्यम से, गेम में डब्ल्यूईई डिजिटल मार्केटप्लेस में प्रशिक्षण के साथ-साथ नए बा?ारों तक पहुंच के बारे में अनुसंधान और डाटा तक पहुंच के साथ महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए बड़े पैमाने पर परितंत्र से जुड़ी चुनौतियों को हल करने में अमेजऩ का समर्थन कर रहा है।
अमेजऩ ने 2017 में महिला उद्यमियों के लिए अपना विशेष कार्यक्रम ‘अमेजऩ सहेली’ लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य है, भारत में महिला उद्यमियों और स्थानीय महिला स्वामित्व वाले व्यवसायों द्वारा स्थानीय रूप से निर्मित उत्पादों को सामने लाना। इस पहल के अंग के रूप में, अमेजऩ डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और महिला उद्यमियों को उनके डिजिटल प्रयासों में सफल होने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करने के लिए भागीदारों और महिला उद्यमियों के साथ काम करती है। सहेली ने अपनी स्थापना के बाद से, अपने साझेदार नेटवर्क के माध्यम से 1.8 मिलियन से अधिक ग्रामीण, हाइपरलोकल और शहरी महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों को डिजिटल बनाया है, जो ईकॉमर्स मार्केटप्लेस पर परिधान, आभूषण, किराने का सामान जैसे उत्पादों की बिक्री करते हैं। ये उत्पाद पूरे भारत में स्थित विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) से प्राप्त किए जाते हैं। इस साझेदारी में 80,000 से अधिक महिला कारीगर शामिल हैं और इससे लाभान्वित होती हैं। कारीगर आजीविका के लिए इन उत्पादों का उत्पादन और बिक्री करते हैं।



You may also like

Leave a Comment

Copyright @ Singhvi publication Pvt Ltd. | All right reserved – Developed by IJS INFOTECH