नई दिल्ली। ग्राहकी निकलने तथा बिकवाली कमजोर होने से एक माह के दौरान एसिड ऑयल के भाव 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गये। भविष्य में इसमें और बढ़ोत्तरी हो सकती है।
साबुन निर्माताओं की मांग बढऩे तथा बिकवाली कमजोर होने से एसिड ऑयल के भाव एक माह के दौरान 150 रुपए बढक़र 3900/3950 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। गत वर्ष इन दिनों इसके भाव 4200/4250 रुपए प्रति क्विंटल थे। इंदौर मेंं भी बिकवाली कमजोर होने से एसिड ऑयल के भाव 150 रुपए बढक़र 3800/3850 रुपए प्रति क्विंटल हो गये। एसिड ऑयल का उपयोग मुख्यत: साबुन उद्योग, ग्रीस व फर्ने ऑयल मेंं होता है।उक्त अवधि के दोरान विदेशों में कू्रड पाम ऑयल के भाव 25/30 डॉलर बढक़र 700 डॉलर प्रति टन हो गया। जिसके कारण आयातित तेलों मेंं मंदे की संभावना कम है दूसरी ओर अंतर्राष्टï्रीय मुद्रा बाजार में डॅॉलर की कीमतों में रुपए की तुलना में मामूली उतार-चढ़ाव बना रहा। हालांकि साल्वेंट एक्ट्रक्शन एसोसिएशन के अनुसार नवम्बर 2016 से जुलाई 2017 अवधि के दौरान अखाद्य तेलों का आयात 287201 टन के लगभग हुआ। जबकि गत वर्ष इसी अवधि के दौरान 115846 टन के लगभग हुआ था। आयात अधिक होने के बावजूद घरेलू बाजार में औद्योगिक मांग निकलने की संभावना को देखते हुए एसिड ऑयल की कीमतोंं में घटने की संभावना नहीं है ग्राहकी निकलते ही बाजार 150/200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ सकता है। एनएनएस
