बाबा रहीम के प्रकरण में मानवीय न्यायाधीश जगदीप सिंह को चारों तरफ से तथा सोशियल मीडिया से सलाम किया जा रहा। भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने के इनका सहयोग वाकई एक ऐसी ईमानदारी सुदृढ़ता का सबूत है जहां पूरे देश की न्यायपालिका को आज सलाम किया जा रहा है। देश को ऐसे ही न्यायाधीशों की जरुरत है। देखे करीब से भी तो अच्छा दिखाई दे, एक आदमी तो देश में ऐसा दिखाई दे। भारत देश की न्यायपालिका पूरी दुनिया में बेहतरीन है जहां देशवासियों को सदैव ईमानदारी का न्याय मिलता है। यही हाल यदि कार्यपालिका व्यवस्थापिका का हो जाये तो देश का आधा विकास तो वैसे ही हो जायेगा। जबसे मोदी ने सत्ता संभाली है तबसे ईमानदारी में वृद्धि आई है। भ्रष्टाचार में कमी भी आई है।
मोदी सरकार ने अपनी नजर पैनी कर रखी है। हाल ही मोदी सरकार ने अब जौहरी कारोबारियों पर जो २ करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर रहे हैं, उन्हें अब धनशोधन निरोधक कानून के दायरे में लाने का फैसला किया है। जहां जीएसटी से कारोबार पहले ही ऑन पेपर्स है। अब ८० फीसदी जौहरी पीएमएलए कानून के दायरे में आ जाएंगे। सरकार को अभी भी यहां कुछ गोलमाल सा दिखता है। सरकार ने समय को देखते हुए इस वर्ष वित्त वर्ष में बदलाव लाने की योजना को रोक दिया है, क्योंकि अधिकांश राज्यों की फिलहाल इससे असहमति है।
मोदी सरकार इन दिनों विकास के कार्य अधिकतम गति से कर रही है।सरकार एनटीपीसी में दस फीसदी हिस्सेदारी बेचकर १३८०० करोड़ रुपये जुटाएगी, जो ओएफएस के जरिये सौदे होंगे। ये तीसरा बड़ा विनिवेश होगा। पहले वर्ष २०१५ में कोल इंडिया का २२५०० करोड़ का ओएफएस आया था। एनटीपीसी में सरकार की हिस्सेदारी ६९.७ फीसदी की है। जो अब ५९.७ की रह जाएगी। बाजार पंूजीकरण के हिसाब से एनटीपीसी देश का चौथा बड़ा सार्वजनिक उपक्रम है। इसका कुल बाजारी पंूजीकरण १.४३ लाख करोड़ रुपये का है।
मोदीजी के जीएसटी ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला है। यहां स्पष्टतया बदलाव दिखाई दे रहा है। बिजली, विनिर्माण, बड़े उपक्रम, सड़क, राजमार्ग, परिवहन निर्माण पर बदलाव आया है। अभी विसंगतियां हटाकर कर दायरे को घटाने पर भी विचार किया जा रहा है। सुझावों पर यदि अमल हुआ तो असर, कर राजस्व को प्रभावित करने बजाय और निवेशों का अधिक गति देखा। अभी आगे राजस्थान में भी चुनावों का समय आ रहा है। अत: मोदी ने राजस्थान में भी चमक विकास आरंभ कर दिया है। हाल ही मोदी ने राजस्थान को १५,१०० करोड़ की परियोजनाओं को स्वीकृत दी है, जिससे प्रदेश का कायाकल्प हो जायेगा।
इन दिनों नीति आयोग ने विश्व बैंक की आयोग ने विश्व बैंक की आलोचना की है जहां इज ऑफ डुइंग बिजनस में भारत को १३० वीं पायदान पर रखा है जो गलत है। कंपनियां व्यवसाय स्थापित करने में ११८ दिन का समय लेती हैं, जबकि रिपोर्ट में मात्र २८ दिन बताएं है। इससे पुराने डेटाज पर आधारितता से गड़बड़ी दिखती है। भारत की डिजिटल इकोनोमी भी अगले ५-७ वर्षों में एक लाख करोड़ डॉलर में तब्दील हो सकती है। मोदी बाढ़-सूखे की घटनाओं का भी हल निकालना चाहते हैं। जहां बारिश का पानी कैसे रोका जाए की व्यवस्था बनानी है। इस हकीकत को भी मोदी सरकार समझना चाहती है, ताकि ऐसा ढांचा बनाया जावे जो पानी बारिश का रोके, एकत्र करे व बाढ़ से बनाये, जिसे सूखे के समय यूज किया जा सके।
वक्त का झोंका जो सब पत्ते उड़ा ले जाता है परंतु आदमी तो गुलशन ही चाहता है, इसीलिये ऐसे चलना है जहां विकास का भारत में सुकून मिल सके। मोदी की राजनीतिक, कूटनीतिक सफलता ने डोकलाम विवाद को भी शांति से सुलझा लिया है। जहां विवाद सड़क को लेकर था। मोदी की कूटनीति, संवादों से बहुत बड़ी राहत देश को मिली है और विवाद थम सा गया है, लेकिन अभी भी चीन यही कह रहा है कि वो जमीनी हालात के मुताबिक अपना रुख बदलेगा। चीन की सीमा के साथ हरेक देशों का विवाद सदैव बना रहता है, लेकिन मोदी ने फिलफाल शांति व सुरक्षा बना दी है।
मोदी ने विकास की उस घड़ी को जो टिक-टिक कर रही है, कल का विकास कैसा होगा को तय कर लिया है कि इसमें तेजी लानी है जहां उनका विकास हार मानने का हथियार नहीं है। वे कल के लिये नव भारत निर्माण विकास में वृद्धि किये जा रहे हैं।
