नई दिल्ली- प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी वर्षा होने तथा दूसरी बार बाढ़ आने के कारण बड़ी इलायची की निकासी प्रभावित होने लगी है। खपत का सीजन होने के कारण आगामी समय में बड़ी इलायची 50 रुपए प्रति किलोग्राम की तेजी आने की प्रबल उम्मीद है।
असम समेत सिक्किम और पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल ही में हुई भारी वर्षा के बाद बाढ़ आई हुई है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि असम में दूसरी बार बाढ़ आई है। बाढ़ एवं भारी वर्षा के कारण बड़ी इलायची की निकासी प्रभावित होने लगी है। नेपाल की स्थिति भी ऐसी ही बनी हुई है। नेपाल में भी अनेक क्षेत्रों मेें हाल ही में हुई भारी वर्षा के बाद बाढ़ आ गई। नेपाल द्वारा छोड़े गए पानी के कारण ही बिहार के कई जिलों में भी बाढ़ आ गई।
नेपाल में पहले ही बड़ी इलायची की नई फसल की छुटपुट आवक शुरू हो चुकी है। नई फसल की क्वालिटी सामान्य से कुछ हल्की बताई जा रही है लेकिन मौसम को देखते हुए क्वालिटी अच्छी ही आने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। जुलाई में लागू हुए देशभर में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के कारण राजधानी के बाजारों में इधर-ऊधर से आने वाले मालों पर रोक लग गई है। इसकी वजह से यहां बड़ी इलायची की आवक तथा उपलब्धता में कमी आ गई है। इसके बाद भी मांग का समर्थन कमजोर पडऩे से स्थानीय थोक किराना बाजार में बड़ी इलायची झुंडीवाली हाल ही में मंदी होती हुई 620/625 रुपए प्रति किलोग्राम का निचला स्तर छूने के बाद थोड़ी बढ़कर 630/635 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। दूसरी ओर, दूसरी फसल की आवक शुरू होने में कुछ विलम्ब होने की आशंका व्यक्त की जाने लगी है। इसकी दो प्रमुख वजहें हैं। पहली असम समेत पूरे उत्तर-पूर्वी भारत में पिछले कुछ समय से भारी वर्षा हुई है बाढ़ के बाद असम की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। दूसरी एवं प्रमुख फसल सितम्बर में आएगी। अभी तक प्राप्त हुए संकेतों से ऐसा लगता है कि नए सीजन में बड़ी इलायची का उत्पादन बढ़ सकता है। जीएसटी लागू होने के कारण व्यापारियों ने माल मंगाने कम कर दिए हैं। वर्षा और बाढ़ की वजह से नेपाल से बड़ी इलायची का आयात लगभग बंद हो गया है। बहरहाल वहां से आयातित कैंचीकट बड़ी इलायची का आयात पड़ता फिलहाल 42 हजार रुपए तथा झुंडीवाली का 39 हजार रुपए के आसपास बताया जा रहा है। दूसरा कारण यह है कि नीलामियों में बड़ी इलायची फिलहाल 550/875 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। भारत, नेपाल और भूटान जैसे बड़ी इलायची के प्रमुख उत्पादक देशों में मौसमी परिस्थितियां लगभग एक जैसी ही हैं।
इसकी वजह से वहां भी बड़ी इलायची के उत्पादन बढऩे की सम्भावनाएं जताई जा रही हैं। व्यापारिक अनुमानों पर यदि विश्वास किया जाए तो नए सीजन में बड़ी इलायची का उत्पादन बढ़ सकता है। दूसरी ओर, रुपए की तुलना में अमेरिकी डॉलर मजबूत बना हुआ है। बीते सीजन में उत्पादन घटने तथा निर्यात अच्छा होने से इसका बकाया स्टॉक सामान्य की तुलना में काफी कम बचा है।
(एनएनएस)
बड़ी इलायची में 50 रुपए की तेजी संभव
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