अजय गुप्ता के नेतृत्व में फोर्टी का एक डेलिगेशन जल्द जायेगा अफ्रीका : प्रवीण सुथार
उदयपुर/निसं। अफ्रीका के 55 देशों में से 30 देश एसे हैं जो उद्योग के लिए श्रेष्ठ हैं। यहां उद्योगों के लिए प्रचुर मात्रा में संसाधन उपलब्ध हैं। यह जानकारी हिरण मंगरी सेक्टर 11 में स्थित द इंस्टीटï्यूट ऑफ इंजीनीयर्स में फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) उदयपुर द्वारा ‘अन्र्तराष्टीय व्यापार अवसर’ विषय पर आयोजित सेमिनार में विषय विशेषज्ञ अजय गुप्ता ने दी। उन्होंने कहा कि जीएसटी में एचएसएन कोड जोडऩा एक संकेत हैं कि सरकार भी चाहती हैं कि भारतीय कम्पनियां अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार को बढ़ाये। राजस्थान व्यापार व उद्योग में निरन्तर आगे बढ़ रहा हैं। उनका मानना हैं कि उदयपुर व जोधपुर में जयपुर से भी ज्यादा उद्योग के विस्तार की संभावनाएं हैं।
सेमिनार के प्रारम्भ में संभागीय अध्यक्ष प्रवीण सुथार ने फोर्टी के बारे में जानकारी देकर सेमिनार के आयोजन का उद्देश्य बताया। उन्होंने कहा कि अजय गुप्ता के नेतृत्व में जल्द ही फोर्टी का एक डेलिगेशन अफ्रीका भेजा जाएगा। सेमिनार के संयोजक सीपी शर्मा ने बताया कि संचालन सेमिनार के सह संयोजक हिमांशु पानेरी ने किया। फोर्टी कोषाध्यक्ष निशांत शर्मा, अतिरिक्त महासचिव पलाश वैश्य सदस्य अरविन्द अग्रवाल, राजेश जोशी, मुकेश सुथार, अरूण अग्रवाल आदि ने अतिथियो का स्वागत किया।
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए मेवाड़ हाई टेक के मुख्य प्रबन्धक निदेशक सीएस राठौड़ ने कहा कि अफ्रीका में व्यापार करना सरल हैं केवल मेहनत एवं इमानदारी एवं बेहतर विक्रय उपरान्त सेवाएं देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि करीब बीस वर्षो पूर्व अफ्रीका मशीनरी व तकनीक के लिए यूरोप पर निर्भर था, लेकिन वह काफी महंगा होता गया। वहीं भारत की मशीनरी व तकनीक की गुणवता में सुधार होने से अफ्रीका में भारतीय तकनीक की मांग बढ़ी हैं। भारत अफ्रीका के पुराने करीबी रिश्तों और बेहतर गुणवता के कारण अफ्रीका चायना की अपेक्षा भारत को प्राधमिकता देता हैं।
सेमिनार के दूसरे सत्र में सीए गौरव व्यास ने फाईलिंग अण्डर जीएसटी विषय पर विभिन्न रिटर्न की अन्तिम तिथि आदि के बारे में आवश्यक जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि यह सभी अस्मंजस्य समय के साथ दूर हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा उत्पादों पर टैक्स की दरों को रिव्यु करने की बात भी कही गई हैं।
