जयपुर/कासं। प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगामी तीन माह में राजीविका के माध्यम से 27 हजार 532 महिला स्वयं सहायता समूहों को बैंकों से क्रेडिट लिंक कर 192 करोड़ रुपये का ऋण दिलाया जायेगा। यह जानकारी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने शासन सचिवालय में राजीविका कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 181 क्लस्टरों एवं 134 ब्लॉकों में 76 हजार 419 महिला स्वयं सहायता समूह संचालित किये जा रहे हैं जिन पर 848 करोड़ रुपये खर्च किये गये। महिला समूह बागवानी, बकरी पालन, कृषि, कैटल शेड व अन्य घरेलू छोटे छोटे धन्धे कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
उन्होंने निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई बजट घोषणा के अनुसार 40 हजार महिला समूहों को मनरेगा में कार्य स्वीकृति के कार्यों में गति लाकर समय पर पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि महिला समूहों को अधिक सशक्त बनाने के लिए समय समय पर प्रशिक्षण दिलाया जाये जिससे महिलायें आत्मनिर्भर हो सके।
बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुदर्शन सेठी ने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन के बाद महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाते हुए पहले महिलायें सेठ-साहूकारों से ऋण लेती थी, वह अब समूह से कम ब्याज पर ऋण लेकर अपनी आवश्यकतायें पूरी कर रही हैं।
‘महिला स्वयं सहायता समूहों को 192 करोड़ रुपये के ऋण कराये जाएंगे उपलब्ध’
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