जयपुर/कासं। राजस्थान सम्पर्क हेल्पलाइन पर पहले दिन 1200 शिकायतें दर्ज की गई हैं। शिकायतों के निस्तारण की अवधि 30 दिन तय कर रखी थी, लेकिन अब अलग-अलग शिकायतों की अलग-अलग समयावधि निर्धारित की गई है। राजस्थान सम्पर्क हेल्पलाइन का कॉल सेंटर शासन सचिवालय स्थित पुस्तकालय भवन की दूसरी मंजिल पर स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. के.के पाठक ने बताया कि पहले राजस्थान सम्पर्क हेल्पलाइन का टोल फ्री नंबर दस अंकों का था, लेकिन अब भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत 181 नंबर लॉन्च किया गया है। उन्होंने बताया कि इस नंबर पर जो भी व्यक्ति अपनी समस्या बताएगा उसके कॉल की रिकॉर्डिंग भी होगी। पाठक ने बताया कि पहले कोई भी व्यक्ति जो शिकायत करता था, उसकी शिकायत उच्च स्तर के अधिकारी के पास पहले जाती थी, फिर उसकी शिकायत सहायक स्तर के अधिकारी के पास जाती थी, लेकिन अब इस क्रम को उल्टा किया गया है। उन्होंने बताया कि अब शिकायत पहले सहायक स्तर के अधिकारी के पास जाएगी, जिससे की समस्या का जल्द समाधान हो सके। उन्होंने बताया कि इस कॉल सेंटर पर सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत या राज्य सरकार की योजनाओं से संबंधित जानकारी ले सकेगा। इस कॉल सेंटर में एक साथ 200 फोन लाइन टोल फ्री नंबर 181 की चालू रहती है, और इसके लिए 200 कॉल सेंटर कर्मचारियों यहां लगाया गया है। लेकिन शिकायत कर्ता को अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए अपना नाम, जिले का नाम, वार्ड संख्या, फोन नंबर बताना पड़ेगा, जिससे की शिकायत जल्द से जल्द संबंधित अधिकारी के पास जा सके। अभी 14 अंकों का रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जा रहा है, जिसे आगे कम किया जाएगा। पाठक ने बताया कि राजस्थान सम्पर्क हेल्पलाइन पर शिकायत के निस्तारण के बाद खुद कॉल सेंटर कर्मचारी शिकायतकर्ता से जानकारी लेगा कि उसकी शिकायत का निस्तारण हुआ या नहीं, या वह संबंधित विभाग की कार्रवाई से संतुष्ट है या नहीं। उन्होंने बताया कि राजस्थान सम्पर्क हेल्पलाइन नंबर 181 की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को लेकर भी प्रस्ताव विचाराधीन है।
