जयपुर। आज के दौर में स्टूडेंट अपने स्टार्टअप शुरू करके स्वयं के सीईओ बन रहे हैं। स्वयं का सीईओ बनने से एक प्रकार की संतुष्टि मिलती है। भले ही एंटरप्रिन्योर बनने में समय व मेहनत लगती है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति 10 लोगों को भी रोजगार दे सकता है तो वह देश की अर्थव्यवस्था के लिए प्रोडक्टिव सिटीजन हैं। यह बात जयपुर के मणिपाल यूनिवर्सिटी में आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कही। इस कार्यक्रम में बीटेक के एक हजार से अधिक फ्रेशर्स और उनके पैरेंट्स शामिल हुए।
प्रोग्राम के चीफ गेस्ट अरोड़ा ने कहा कि कॉलेज के दौरान परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के साथ-साथ ज्ञान प्राप्त करना भी महत्वपूर्ण होता है। स्वयं का स्टार्टअप हो या कॉर्पोरेट, जब भी कोई काम करना शुरू करता है तो व्यक्ति को यह विश्लेषण करना चाहिए कि वह समाज को क्या लौटा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत के पिछले चुनाव में करीब 600 मिलियन से अधिक मतदाता थे और पूर्व के चुनावों की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या भी काफी अधिक थी। उन्होंने कहा कि अब काफी युवा मतदान करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि मतदान उस बुनियाद के समान है, जिस पर लोकतंत्र का निर्माण होता है।
मणिपाल इंजीनियरिंग एंड मेडिकल ग्रुप के सलाहकार अभय जैन ओरिएंटेशन प्रोग्राम के गेस्ट ऑफ ऑनर थे। उन्होंने जयपुर में मणिपाल यूनिवर्सिटी की शुरूआत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जयपुर में वर्ष 2011 में मात्र 300 स्टूडेंट्स के साथ यूनिवर्सिटी का अस्थायी परिसर शुरू किया गया था तब से यूनिवर्सिटी ने 14 राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं और यह अब दुनिया के टॉप 50 कैम्पस में शामिल हो चुका है।
वहीं प्रोफेसर जी. के. प्रभु ने कहा कि मणिपाल यूनिवर्सिटी में अध्ययन करना तीन प्रमुख कारणों से लाभदायक है। सबसे पहले मणिपाल यूनिवर्सिटी 54 अंडर ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट कॉर्सेज के साथ एक मल्टी-डिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी है।
इस अवसर पर, एमयूजे के प्रो-प्रेसिडेंट, प्रोफेसर एन. एन. शर्मा ने यूनिवर्सिटी के आधुनिक पाठ्यक्रम, डिजिटल मैनेजमेंट सिस्टम, ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट्स जैसी शैक्षणिक विशेषताओं की जानकारी दी। वहीं डीन , फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग, प्रोफेसर जगन्नाथ ने एमयूजे में चल रहे इंजीनियरिंग प्रोग्राम की मुख्य विशेषताओं के बारे में बताया।
स्टूडेंट आज अपना स्टार्टअप शुरू करके स्वयं के बन रहे हैं सीईओ : अरोड़ा
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