नई दिल्ली। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा है कि आगामी वित्त वर्ष 2020-21 में कर संग्रह में 12 फीसदी की वृद्धि के लक्ष्य को कुछ लोग महत्वाकांक्षी मान रहे हैं लेकिन यह लक्ष्य सही है। उन्होंने कहा है कि अर्थव्यवस्था की बाजार मूल्य आधारित वृद्धि दर 10 फीसदी रहने का अनुमान है। इसके मद्देनजर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
इस वजह से कर संग्रह के लक्ष्य से चूक सकती है सरकार: कंपनी या कॉरपोरेट कर की दर में कटौती की वजह से सरकार के कर संग्रह के लक्ष्य से भारी अंतर से चूकने की आशंका है। इसकी वजह से सरकार लगातार तीसरे साल राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से चूक सकती है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने सितंबर, 2019 में मौजूदा कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दी थी। साथ ही अक्टूबर, 2019 से 31 मार्च, 2023 के बीच शुरू होने वाली नई कंपनियों के लिए दर को 25 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया था।
यह है लक्ष्य: मामले में पांडेय ने बताया कि 2020-21 में 24.23 लाख रुपए के कर संग्रह के लक्ष्य को हासिल करने की उम्मीद है। यह आंकड़ा चालू वित्त वर्ष के 21.63 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य से 12 फीसदी ज्यादा है। वहीं आगामी वित्त वर्ष में व्यक्तिगत आयकर संग्रह 6.38 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। यह साल 2019-20 के 5.59 लाख करोड़ रुपए से 14.13 फीसदी ज्यादा है।
बता दें कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह जनवरी में 1.1 लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर गया था। यह राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय द्वारा तय किए गए लक्ष्य के अनुरूप है। इसके लिए उन्होंने कर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें की थीं। जानकारी के अनुसार जनवरी में जीएसटी का घरेलू संग्रह करीब 86,453 करोड़ रुपए रहा है। वहीं आईजीएसटी और उपकर से 23,597 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। हालांकि उन्होंने बताया था कि ये आंकड़े अस्थायी हैं।
वित्त वर्ष 2020-21 में 12 प्रतिशत बढ़ सकता है टैक्स कलेक्शन: राजस्व सचिव
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