नई दिल्ली। साल 2008 की मंदी के बाद दुनिया का ऑटो सेक्टर सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। अमेरिका से लेकर चीन तक हर जगह ऑटो सेक्टर की बिक्री इस साल लगातार गिर रही है। फिच रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में वैश्विक कार बिक्री 31 लाख यूनिट्स कम होने की संभावना है। यह साल 2008 में आई वैश्विक मंदी के बाद से कार बिक्री में सबसे बड़ी गिरावट होगी।
फिच रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट ब्रिएन कॉल्टन ने कहा 2018 के मध्य से कार मार्केट में गिरावट आने लगी थी। लेकिन पिछले साल मई में हमने जो अनुमान लगाया था यह उससे बहुत ही खराब स्थिति है। ग्लोबल कार सेल्स साल 2018 में गिर कर 8.06 करोड़ यूनिट्स हो गई जो 2017 में 8.18 करोड़ थी। यह 2009 के बाद सालाना आधार पर बिक्री में पहली बार गिरावट थी। वैश्विक स्तर पर 2019 में बिक्री में 4त्न की गिरावट के साथ 7.75 करोड़ नई गाडिय़ां बिकी हैं।
वैश्विक गिरावट की सबसे बड़ी वजह दुनिया के सबसे बड़े ऑटो मार्केट चीन में डिमांड का कम होना है। चीन में इस साल के पहले 10 महीनों में पिछले साल के मुकाबले मांग में 11त्न की कमी दर्ज की गई है।
डीजल कारों के साथ पर्यावरण की समस्या, कार हेलिंग और कार शेयरिंग सर्विस में वृद्धि से भी मांग में कमी आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका-चीन ट्रेड वार के चलते चीन में नौकरियों पर काफी असर पड़ा है। लिहाजा चीन के युवा पैसा कम खर्च कर बचत ज्यादा कर रहे हैं। लिहाजा हर सेक्टर में मांग में कमी आई है। अमेरिका में भी साल 2019 में बिक्री 2त्न गिर कर 1.69 करोड़ पर आ गई है। ब्राजील, रूस और भारत जैसे देशों में भी बिक्री में भारी गिरावट जारी है। विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका चीन ट्रेड वार खत्म होने पर ही स्थिति में सुधार संभव है।
वर्ष 2019 में कारों की वैश्विक बिक्री 31 लाख यूनिट कम होने का अनुमान: फिच रेटिंग्स
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