मुंबई। यूरोपियन यूनियन से मार्च में बाहर जाने या न जाने के मुद्दे पर ब्रिटेन में सियासी घमासान हो रहा है। हालांकि इसकी वजह से अमीर भारतीयों को ब्रिटेन में अच्छी रियल्टी डील्स मिल रही हैं। ब्रेग्जिट पर ऊहापोह के कारण ब्रिटेन में आर्थिक अनिश्चितता का माहौल बन गया है। इसके कारण लंदन और दूसरे शहरों में प्रॉपर्टी के दाम गिरे हैं। ब्रिटिश प्रॉपर्टी कंसल्टेंट क्लूटॉन्स के अनुसार लंदन के लकदक इलाकों में प्रॉपर्टी का दाम 5-7 प्रतिशत गिरा है और सालभर में यह गिरावट 10 प्रतिशत तक जा सकती है। लंदन के लिवरपूल स्ट्रीट, ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट, बॉन्ड स्ट्रीट और बेकर स्ट्रीट सरीखे पॉश इलाकों में मिड-साइज्ड अपार्टमेंट्स 9 करोड़ से 14 करोड़ रुपये तक में बिक रहे हैं। वहीं दिल्ली के लुटियंस जोन या साउथ मुंबई में इस तरह की प्रॉपर्टीज के दाम इससे करीब दोगुने हैं। ब्रिटेन की प्रमुख डिवेलपर रीगल लंदन में ज्वाइंट सीईओ साइमन डी फ्रेंड के अनुसार लंदन के काफी महंगे माने जाने वाले मेफेयर और वेस्टएंड इलाकों के आसपास सुपर-प्राइम प्रॉपर्टी मार्केंट में प्राइस करेक्शन की रिपोर्ट्स हैं। इसी प्रकार जेएलएल, सैविल्स, राइटमूव और सीबीआरई जैसी कंसल्टिंग फर्म्स पूरे ब्रिटेन में प्राइस फ्लैट रहने या घटने के ट्रेंड का अनुमान दे रही हैं। रियल एस्टेट से जुड़ी एक प्रोफेशनल इकाई रॉयल इंस्टीट्यूशन ऑफ चार्टर्ड सर्वेयर्स का मानना है कि ब्रेग्जिट से जुड़ी अनिश्चितता और परिवारों के खर्च पर लगाम कसने के कारण आने वाले महीनों में रियल एस्टेट के लिए डिमांड कमजोर रह सकती है।
डी फ्रेड ने कहा कि यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन के निकलने की तैयारी से मार्केंट के टॉप ऐंड पर असर पड़ा है। पिछले पांच वर्षों में हमारे लंदन डिवेलपमेंट पोर्टफोलियो में प्रॉपर्टीज खरीदने की चाहत रखने वाले भारतीयों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
इसी प्रकार रीडिंग, मेडनहेड, स्लो, टैप्लो और कैनरी ह्वार्फ सरीखे लंदन के नए इलाकों में अपार्टमेंट्स करीब 45000 रुपये प्रति वर्ग फुट के रेट पर बेचे जा रहे हैं, जो मुंबई के अपेक्षाकृत विकसित उपनगरों में अपार्टमेंट्स का रेट है। बर्मिंघम और मैनचेस्टर सरीखे शहरों में अपार्टमेंट्स की कीमत पुणे या नासिक से ज्यादा नहीं है।
एक्विस्ट रियल्टी के फाउंडर और एमडी संजय गुहा ने कहा कि बहुत अमीर भारतीय सेंट्रल लंदन में प्रॉपर्टी खरीदना पसंद कर रहे हैं।
