नई दिल्ली। प्रयागराज में 2019 कुंभ मेला का आयोजन जल्द ही होने वाला है। कुंभ के लिए प्रयागराज में तैयारियां चल रही हैं। तीर्थयात्रियों को सुविधाएं देने के लिए सरकार ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर यह जानकारी दी है। पीयूष गोयल ने बताया कि कुंभ के चलते भारतीय रेलवे यात्रियों को ट्रेन में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराएगी। इसी के साथ कुंभ जाने वाले यात्रियों को ट्रेन में बायो-टॉयलेट की सुविधा भी मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ यात्रियों को कुंभ से जुड़ी तस्वीरे रेलवे कोच में दिखाई जाएंगी। कुंभ के दौराम भारतीय रेलवे 800 कुंभ स्पेशल ट्रेनें चलाएगी। इसके अलावा सभी रेलवे स्टेशनों पर 100 अतिरिक्त टिकट बुकिंग काउंटर खोले जाएंगे जिससे यात्रियों को टिकट बुक कराने में कोई परेशानी ना हो। सआथ ही रेलवे ने मकुंभ के चलते रेल कुंभ ऐप भी बनाई है। है। द अल्टिमेट ट्रैवलिंग कैंप नाम की कंपनी ने कुंभ के दौरान लोगों को लक्जरी एकोमोडेशन मुहैया करने के लिए ‘संगम निवासÓ नाम से कैंप की घोषणा की है। इस कैंप में सुपर लक्जरी टैंट भी है जिसमें एक दिन रहने के लिए 41,500 रुपए देने होंगे।
कंपनी ने श्रद्धालुओं के लिए लक्जरी टेंट की सुविधा भी मुहैया करवाई है। इसमें लक्जरी टेंट की तीन दिन की कीमत 73,500 हजार रुपए है। वहीं चार दिन के लिए इस टेंट की कीमत 98,000 रुपये है। कंपनी का कहना है कि विशेष स्नान के लिए उनके टेंट की बुकिंग तेजी से हो रही है। कंपनी के मुताबिक कुंभ में 17 लक्जरी टेंट और 27 सुपर लक्जरी टेंट बुक कराए गए हैं। इसी के साथ ही कंपनी ने तीर्थयात्रियों के लिए विशेष पूजा का भी इंतजाम किया है। कंपनी की वेबसाइट में दी गई जानकारी के अनुसार, तीर्थयात्री 81 हजार रुपए में सत चंड़ी महायज्ञ कराया जा सकता है। यह पूजा पूरे नौ दिन तक चलेगी और इसमें 7 पंडित शामिल होंगे।
कुंभ क्षेत्र में पर्यटन विभाग की ओर से विकसित किए जा रहे ‘संस्कृति ग्रामÓ में सभ्यता और संस्कृति नजर आएगी। जिसे बंगाल के कलाकार आकार देने में जुट गए हैं। संस्कृति ग्राम में हजारों साल पुरानी सिन्धु सभ्यता की झलक तो मिलेगी ही आधुनिक भारत की तस्वीर भी यहां देखी जा सकेगी। सात करोड़ चालीस लाख की लागत से यह करीब आठ एकड़ क्षेत्र में 31 दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। कुंभ क्षेत्र में बसाए जा रहे संस्कृति ग्राम में बौद्ध और जैन धर्म के साथ मुगल सल्तनत के देश में विस्तार, वैदिक युग के साथ ब्रिटिश शासन, मराठा साम्राज्य, स्वतंत्रता संग्राम और शहीदों की ऐतिहासिक और साहसिक कहानियों को भी चित्रों और चलचित्रों के माध्यम से दिखाया जाएगा। इसमें स्वतंत्र भारत और आधुनिक भारत पर लघु फिल्में भी दिखाई जाएगी।
