नई दिल्ली। देश में अभी तक 31,500 रियल्टी परियोजनाएं रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून, (रेरा) के तहत आ गई हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 54 प्रतिशत परियोजनाएं महाराष्ट्र की है। उद्योग मंडल फिक्की एवं ग्रांट थॉर्नटन की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में अभी तक 17,125 परियोजनाएं रेरा के तहत पंजीकृत हुई हैं।
रेरा एक मई, 2017 से पूरी तरह लागू हुआ है। सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को अपने संबंधित रेरा नियमों को अधिसूचित करना है, ऑनलाइन पोर्टल बनाना है और नियमित नियामक की नियुक्ति करनी है। सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं को संबंधित राज्य के रेरा के तहत पंजीकृत किया जाना है।
एक सर्वे के अनुसार देश में 35 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों (जम्मू कश्मीर को छोड़कर) में से सिर्फ 24 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों ने रेरा के नियमों को अधिसूचित किया है। करीब 25,000 रियल एस्टेट डेवलपर्स तथा 23,000 रियल एस्टेट एजेंटों ने रेरा के तहत अपना पंजीकरण कराया है। सर्वे के अनुसार अभी तक सिर्फ छह स्थायी और 17 अंतरिम रेरा नियामक नियुक्त किए गए हैं। सिर्फ 18 राज्य ही इस बारे में पोर्टल बना पाए हैं। अभी तक रेरा के पास 9,700 शिकायतें आई हैं।
रेरा के तहत 31,500 रियल्टी परियोजनाएं, महाराष्ट्र सबसे आगे
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