बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली। भारत में प्रदर्शनियों के प्रमुख आयोजनकर्ता यूबीएम इण्डिया द्वारा आयोजित रीन्यूएबल एनर्जी इण्डिया एक्सपो (आरईआई) का 12 संस्करण 18 से 20 सितम्बर 2018 के बीच ग्रेटर नोएडा के इण्डिया एक्सपो सेंटर में आयोजित किया जाएगा। अपने क्षेत्र में अग्रणी प्रदर्शनी आरईआई एक व्यापक एवं प्रतिष्ठित विश्वस्तरीय मंच है, भारत की हरित अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी दिग्गज तथा अन्तर्राष्ट्रीय हितधारक इस मंच पर एकजुट होकर क्षेत्र से जुड़े रूझानों, चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।
इस मौके पर योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, यूबीएम इण्डिया ने कहा, ‘‘आरईआई एक्सपो अन्तर्राष्ट्रीय कारोबारियों को कारोबार के अवसर प्रदान करेगा, उन्हें आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी देगा, अन्तर्राष्ट्रीय निवेश आकर्षित करेगा तथा समझौता ज्ञापनों के लिए महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। इस साल हम सोलर एनर्जी के अलावा विंड, हाइड्रोपावर और बायोमास पर भी ध्यान दे रहे हैं। आरईआई के माध्यम से हम ऊर्जा संग्रहण, ई-मोबिलिटी, डेटा एनालिटिक्स, आईओटी के आधुनिक रूझानों पर ध्यान देंगे, ये सभी कारक इस क्षेत्र में क्रान्तिकारी बदलाव ला सकते हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘भारत स्वच्छ उर्जा रूपान्तरण की दृष्टि से अपने आप को मजबूती से स्थापित करना चाहता है और इसके लिए 2022 तक कम से कम 225,000 मेगावॉट नव्यकरणी उर्जा क्षमता इन्सटॉल करने का लक्ष्य तय किया गया है। दुनिया के सबसे आकर्षक नव्यकरणी बाज़ारों में एक होने के नाते देश में इन्सटॉल्ड नव्यकरीण उर्जा उत्पादन क्षमता वित्तीय वर्ष 08-18 के दौरान 9.29 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ी है। 2017-18 में देश में रिकॉर्ड 11788 मेगावॉट नव्यकरणी उर्जा क्षमता शामिल की गई है। उम्मीद की जा रही है कि अगर देश में इसी दर से विकास जारी रहा तो 2020 के अंत तक भारत चीन को पीछे छोड़ कर दुनिया का सबसे बड़ा बाज़ार बन जाएगा। पिछले साल देश ने पारम्परिक स्रोतों की तुलना में नव्यकरणी स्रोतों से अपनी उर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाया। भारत में दुनिया के आधे 10 सबसे बड़े सोलर पार्क निर्माणाधीन हैं। ये सभी कारक अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों और उपकरण आपूर्तिकर्ताओं को आकर्षित कर रहे हैं।
