नई दिल्ली। रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक के होम बायर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके कहा है कि अपार्टमेंट्स की डिलीवरी करने में नाकाम रहने वाली कंपनी का टेकओवर सरकार को करने का निर्देश दिया जाए। वे चाहते हैं कि सरकार यूनिटेक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को निलंबित कर उनकी जगह अपने नॉमिनी नियुक्त करे। यूनिटेक होम बायर्स को 14,587 फ्लैट्स की डिलीवरी नहीं कर पाई है। इन लोगों ने कंपनी को लगभग 6,700 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
यूनिटेक बरगंडी के होमबायर्स की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि यूनिटेक के डिफॉल्ट करने से होम बायर्स के साथ डिपॉजिट होल्डर्स, बैंकों, फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस, कर्मचारियों और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज पर भी असर पड़ा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि यूनिटेक का मैनेजमेंट होम बायर्स के हितों के खिलाफ काम कर रहा है। नोएडा में यूनिटेक बरगंडी के होमबायर्स ने कहा है कि उनमें से अधिकतर अपार्टमेंट्स की डिलीवरी चाहते हैं। उनका कहना है कि कंपनी के मैनेजमेंट ने भरोसा गंवा दिया है। यूनिटेक को पटरी पर लाने के लिए नई शुरुआत की जरूरत है। इसके लिए मौजूदा मैनेजमेंट को हटाकर उसकी जगह मजबूत मैनेजमेंट को लाया जाना चाहिए।
एमिकस क्यूरे ने कोर्ट को बताया है कि रिफंड चाहने वाले होमबायर्स की लगभग 2,000 करोड़ रुपये की रकम बकाया है। बाकी के होमबायर्स फ्लैट्स का पजेशन चाहते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी। याचिका में दावा किया गया है कि यूनिटेक के पास कंस्ट्रक्शन फिर से शुरू करने के लिए फंड नहीं है।
मौजूदा मैनेजमेंट के तहत कंपनी बाहर से पैसा नहीं जुटा सकती। इसमें बताया गया है कि कंपनी के मालिकाना हक या उसके कंट्रोल वाली जमीन में से अधिकांश पर बैंकों, फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस और डिवेलपमेंट अथॉरिटीज का दावा है। यूनिटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय चंद्रा जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने की शर्त के तौर पर होमबायर्स को रिफंड के लिए 750 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था, लेकिन चंद्रा यह रकम जमा नहीं कर सके थे।
यूनिटेक पर सरकार का कंट्रोल चाहते हैं होम बायर्स
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